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यात्री बस सेवा महीनों से बंद रहने से हजारीबाग के दो हजार से अधिक चालक, खलासी, कंडक्टर और एजेंट बेरोजगार

हाल यह है कि समय पर पैसे नहीं जुटने से कई बस मालिकों का बैंक किस्त फेल हो गया है. इससे बैंक व फाइनेंस कंपनियों का लगातार दबाव बढ़ने से कई बस मालिक टेंशन में हैं. इस रिपोर्ट में उनकी समस्या जानने का प्रयास किया गया है. प्रस्तुत है कुछ बस मालिकों से बातचीत के प्रमुख अंश.

हजारीबाग : उत्तरी छोटानागपुर का प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग में 16 मई (एक महीने छह दिन) से यात्री बस सेवा पूरी तरह बंद है. इससे बस मालिकों का हाल बेहाल है. कई लोगों के पास एक दर्जन बस हैं. वहीं कई दो दर्जन से अधिक बसों के मालिक हैं. बस सेवा बंद होने से उनकी आमदनी एकाएक ठप हो गयी. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है.

हाल यह है कि समय पर पैसे नहीं जुटने से कई बस मालिकों का बैंक किस्त फेल हो गया है. इससे बैंक व फाइनेंस कंपनियों का लगातार दबाव बढ़ने से कई बस मालिक टेंशन में हैं. इस रिपोर्ट में उनकी समस्या जानने का प्रयास किया गया है. प्रस्तुत है कुछ बस मालिकों से बातचीत के प्रमुख अंश.

राजश्री बस के मालिक भरत सिंह ने कहा कि मेरे पास 11 बस हैं. सभी बैंक व फाइनेंस कंपनियों से ली गयी है. ये बसें हजारीबाग से कोलकाता, पटना व रांची के लिए चलती हैं. बस सेवा बंद होने के बाद से कारोबार पूरी तरह बैठ गया. समय पर पैसा जमा नहीं होने से अधिकांश बसों की बैंक किस्त फेल हो गया है. सरकार शीघ्र कोई गंभीर कदम नहीं उठाती है, तो हम बर्बाद हो जायेंगे.

विजय रथ के अशोक कुमार उर्फ पप्पू ने कहा कि कारोबार ठप होने से गाड़ियों का इंश्योरेंस, फिटनेस, परमिट सहित दूसरे सभी जरूरत के कागजात फेल हो गये हैं. चालक, उपचालक, कंडक्टर तो दूर अब घर परिवार चलाना भी कठिन हो गया है.

झारखंड प्रदेश बस ओनर एसोसिएशन के महासचिव व शिवम बस के आेनर प्रदीप कुमार ने कहा कि कोरोना काल में सबसे अधिक बस कारोबार पर विपरीत असर पड़ा है. लगभग दो सालों के दौरान कभी चालू तो, कभी बंद से बस सेवा कारोबार पूरी प्रभावित है. ऊपर से केंद्र सरकार की डीजल व पेट्रोल में की गयी मूल्य वृद्धि से व्यवसाय को गहरा धक्का लगा है.

उन्होंने कहा कि सरकार एक ओर बस सेवा बंद कर रखी है वहीं दूसरी ओर टेंपो, टैक्सी, प्राइवेट सहित अन्य गाड़ियों में भर-भर कर सवारी दूरदराज तक ढोया जा रहा है. इतना ही नहीं सोशल डिस्टैंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है. साथ ही यात्रियों से मनचाहा भाड़े की वसूली हो रही है. उन्होंने बस सेवा शीघ्र चालू करने की मांग की है.

मुक्तेश्वरी बस के सरोज कुमार मेहता ने कहा कि बसें चलने से रोजी रोजगार चल रहा था. एकाएक बंद से कारोबार प्रभावित हो गया है. बसों को पुनः निकालने में प्रति बस 50 हजार रुपये लगेंगे. बसें खड़ी कर देने से बैटरी पूरी तरह से बैठ गया है. पहले भी ऐसा हो चुका है. इतना ही नहीं स्टैंड में खड़ी बसों में बैटरी सहित कई पार्ट्स चोरी कर ली गयी है. इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा थाना में प्राथमिकी तक नहीं ली गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार बस सेवा शीघ्र चालू करें, नहीं तो हम लोगों की स्थिति बद से बदतर हो जायेगी.

शिव शक्ति बस के सुबोध कुमार सिन्हा ने कहा कि बस सेवा बंद होने से चालक, उपचालक व कंडक्टर दूसरे प्रदेश रोजगार करने चले गये हैं. डीजल व पेट्रोल महंगा हो गया है. 55 रुपये डीजल के समय का निर्धारित भाड़ा यात्रियों से वसूले जा रहे थे. जबकि वर्तमान समय प्रति लीटर डीजल 93 रुपये से अधिक हो गया है. उन्होंने कहा कि कारोबार ठप होने से कई गाड़ी मालिक गाड़ी बेचने की स्थिति में आ गये हैं. लेकिन पैसे के अभाव में गाड़ी के कागजात अपडेट नहीं है. इससे गाड़ी बेचना भी एक समस्या है.

Prabhat Khabar News Desk
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