हजारीबाग. हजारीबाग व कोडरमा जिले के अंतर्गत आने वाली वन्यप्राणी आश्रयणी क्षेत्र में ईको-सेंसिटिव जोन को संरक्षित रखने के उद्देश्य से बनी निगरानी समिति की बैठक बुधवार को आयुक्त कार्यालय सभागार में हुई. अध्यक्षता उतरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त पवन कुमार ने की. इस दौरान सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में पर्यावरणीय प्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए जिन बातों का उल्लेख किया गया है, उसपर चर्चा हुई. आयुक्त पवन कुमार ने कहा कि पर्यावरण के प्रभावी क्रियान्वयन व संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाये. कोडरमा व हजारीबाग की आश्रयणियों के लिए मास्टर प्लान बनाने पर चर्चा हुई. निर्णय लिया गया कि दलमा वन्यजीव अभ्यारण्य की तर्ज पर यहां भी जोनल मास्टर प्लान विशेषज्ञ एजेंसी से बनवायी जायेगी, ताकि आश्रयणियों में विकास के साथ-साथ संरक्षण का संतुलन सुनिश्चित हो. बैठक में इचाक अंचल की बंद पड़ी पत्थर खदानों में फ्लाई ऐश भरने का प्रस्ताव लिया गया. फ्लाई ऐश भरने के प्रस्ताव पर समिति ने पर्यावरणीय प्रभावों के आकलन के लिए आइआइटी धनबाद के विशेषज्ञों से परामर्श लेने पर चर्चा हुई. इसके अलावा इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना में सम्मिलित गांवों की सूची और नक्शा में भिन्नता तथा कोडरमा में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित पेट्रोल पंप निर्माण पर भी चर्चा हुई. आयुक्त ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वह पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास के सभी प्रस्तावों का संतुलित मूल्यांकन कर अधिसूचना के मुताबिक कार्य करें. बैठक में डीएफओ हजारीबाग वन्यप्राणी आश्रयणी, डीएफओ हजारीबाग पूर्वी, डीएफओ हजारीबाग पश्चिमी, डीएफओ कोडरमा, डीएमओ हजारीबाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे.
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