पास के जलस्त्रोत को उपयोग में लाया जाये, तोफोटो : दतुआ आहर में भरा पानी, गिद्धौर 1 में़ हेडलाइन…जान आ सकती है मुरझाती धान की फसल में गिद्धौर. पानी के अभाव में कई हेक्टेयर में लगी धान की फसल झुलस गयी है़ जबकि निचली जमीन पर लगायी गयी धान की फसल में जान बच रही है़ फसल में बाली निकलने की तैयारी है़ अगर इन्हें तत्काल पानी उपलब्ध कराया जाता है तो किसानों का नुकसान कुछ हद तक कम किया जा सकता है़ बारियातु पंचायत के दतुआ आहर समेत प्रखंड में कई ऐसे जलस्त्रोत हैं, जिनमें अभी बड़ी मात्रा में पानी का जमाव है़ अगर तत्काल छोटी-मोटी राशि खर्च कर नहर का निर्माण किया जाये, तो इससे कई हेक्टेयर में लगी धान की फसल को मरने से बचाया जा सकता है़ किसानों ने भी इसकी मांग कृषि विभाग से की है़ लुबधिया गांव के हेमन यादव ने बताया कि तालाब का निर्माण आइएपी के तहत किया गया था़ जिसमें अभी 8-10 फीट गहराई तक पानी जमा है़ इसका पानी अगर खेत तक पहुंचता है तो लगभग 60 हेक्टेयर धान की सफल का पटवन किया जा सकता है़ महुआटांड़ के कैलाश कुमार राणा ने बताया कि बतुआ आहर से लगभग 90-100 फीट खुदाई करने पर ही महुआटांड़ व लुबधिया के ग्रामीणों को पानी मिलेगा़ उक्त दोनों गांव के ग्रामीणों ने उपायुक्त से इस ओर पहल करने की मांग की है़
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पास के जलस्त्रोत को उपयोग में लाया जाये, तो
पास के जलस्त्रोत को उपयोग में लाया जाये, तोफोटो : दतुआ आहर में भरा पानी, गिद्धौर 1 में़ हेडलाइन…जान आ सकती है मुरझाती धान की फसल में गिद्धौर. पानी के अभाव में कई हेक्टेयर में लगी धान की फसल झुलस गयी है़ जबकि निचली जमीन पर लगायी गयी धान की फसल में जान बच रही […]
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