वाटर ट्रीटमेंट प्लांट फेल, सफाई यंत्र भी खराब
हजारीबाग : हजारीबाग शहरवासियों को बिना उपचार के गंदे पानी आपूर्ति की जा रही है. सप्लाई वाटर में खतरनाक जीवाणु मौजूद हैं. इस पानी के पीने से शहरवासी डायरिया व अन्य जीवाणु जनित रोग से ग्रसित हो रहे हैं. पिछले तीन माह से पेयजल (आपूर्ति) के नमूनों की जांच नहीं हुई है. बरसात में छड़वा डैम का गंदा पानी सीधे घरों तक पहुंच रहा है. गंदे पानी में मिलाया जानेवाला चूना भी काफी खराब है. यह बरसात के पानी से पूरी तरह भीगा हुआ है.
कहां से होती है जलापूर्ति
शहर में छड़वा डैम से जलापूर्ति की जाती है. यह डैम शहर के ढ़ाई लाख लोगों की प्यास बुझाता है. प्रत्येक दिन करीब 36 लाख गैलन शहरवासियों को पानी की जरूरत होती है. वर्तमान समय में डैम में 21 फीट पानी है.
जलापूर्ति केंद्र में दो वाटर उपचार केंद्र
छड़वा डैम में पानी उपचार के लिए दो प्लांट बने हुए हैं. दोनों की स्थिति काफी खराब है. उपचार के टैंक में काई (फंगस) व कई जीवाणु तैरते हुए दिखाई देते हैं. दूसरे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में अत्याधुनिक मशीन लगी हुई हैं. लेकिन वर्षो से खराब है. केमिकल हाउस में मकड़े का जाल चारों तरफ से घिरा हुआ है. वाटर ट्रीटमेंट के लिए पाइप व अन्य मशीनें खराब है. चूना, फिटकिरी, ब्लीचिंग व क्लोरिंग मिलाने वाले चैंबर खराब है.