गुमला. प्रभात खबर में खबर छपने के बाद प्रशासन ने अनाथ बच्चों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है. यह मामला घाघरा प्रखंड का है. घाघरा थाना के देवाकी मोड़ के समीप शुक्रवार की रात सड़क हादसे में नवाडीह गांव निवासी प्रकाश उरांव की मौत हो गयी थी. इस हृदय विदारक घटना ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया है. प्रकाश उरांव के निधन के बाद उनके पांच छोटे बच्चे पूरी तरह असहाय हो गये हैं. परिजनों व ग्रामीणों के अनुसार दो वर्ष पूर्व उनकी पत्नी बच्चों को छोड़ कर घर से चली गयी थी. इसके बाद से पिता बच्चों का एकमात्र सहारा थे. उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित के निर्देश पर संबंधित अधिकारी गांव पहुंच पीड़ित बच्चों की स्थिति की जानकारी ली. इस दौरान जिला सामाजिक सुरक्षा सहायक निदेशक ललन रजक व जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अमर कुमार ने नवाडीह पंचायत जाकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और बच्चों की परिस्थितियों को निकट से समझा. निदेशक ने ग्राम सेवक को स्पष्ट निर्देश दिया है कि पीड़ित परिवार एवं बच्चों से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज तत्काल तैयार कराये जाये, ताकि उन्हें शैक्षणिक, पोषण व सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ शीघ्र उपलब्ध कराया जा सके. उपायुक्त ने निर्देशित किया है कि बच्चों को किसी भी स्थिति में उपेक्षित न छोड़ा जाये और उनकी देखभाल व भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था की जाये. उपायुक्त ने बाल संरक्षण कोषांग को निर्देश दिया है कि सड़क दुर्घटनाओं से यदि किसी बच्चे के माता पिता गुजर गये हैं, तो वैसे बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर उन्हें सरकारी सहायता प्रदान की जाये. बच्चों की सुरक्षा जिला प्रशासन की प्राथमिकता है.
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