9.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

इस्लाम में बाल विवाह का कोई स्थान नहीं

लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान एवं जस्ट राइट्स फ़ॉर चिल्ड्रेन द्वारा 12 से 14 सितंबर तक बाल विवाह को समाप्त करने के लिए वैश्विक अंतर-धार्मिक प्रतिज्ञा सप्ताहांत का आयोजन किया गया.

गुमला लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान एवं जस्ट राइट्स फ़ॉर चिल्ड्रेन द्वारा 12 से 14 सितंबर तक बाल विवाह को समाप्त करने के लिए वैश्विक अंतर-धार्मिक प्रतिज्ञा सप्ताहांत का आयोजन किया गया. जिसमें गुमला जिले के अलग अलग धर्म के धर्मगुरु बाल विवाह के खिलाफ आगे आकर अपने समाज के लोगों को संदेश एवं जागृत करने का काम किया. जिसमें चैनपुर मस्जिद के इमाम हसमत राजा ने कहा कि इस्लाम में विवाह एक पवित्र अनुबंध (निकाह) है. जिसके लिए परिपक्वता, समझ व ज़िम्मेदारी की आवश्यकता होती है. एक बच्चा इन दायित्वों को पूरा नहीं कर सकता है. बाल विवाह को रोककर, हम धर्म, परिवार और समाज की रक्षा करते हैं. इस्लाम में बाल विवाह का कोई स्थान नहीं है. वहीं हिंदू धर्म के सिसई प्रखंड के बड़गांव मंदिर के पुजारी केदार पंडित द्वारा बताया गया कि सनातन धर्म हमें सिखाता है कि बचपन सीखने, विकास व आध्यात्मिक विकास के लिए होता है. ब्रह्मचर्य आश्रम के बाद ही गृहस्थ आश्रम आता है. यह दर्शाता है कि विवाह शिक्षा व परिपक्वता के बाद होना चाहिए. बाल विवाह इस पवित्र परंपरा का उल्लंघन करता है और दुख का कारण बनता है. धर्म के अनुयायी होने के नाते, आइये हम अपनी बेटियों की रक्षा करें. चैनपुर चर्च के पवन लकड़ा ने कहा कि बाइबल हमें सिखाती है कि बच्चे एक वरदान हैं और उन्हें प्यार और सुरक्षा के साथ पालना चाहिए. यीशु ने कहा, ””””””””बालकों को मेरे पास आने दो, और उन्हें रोको मत. बाल विवाह बच्चों से उनकी मासूमियत, शिक्षा और स्वास्थ्य छीन लेता है. मसीह के प्रेम और करुणा के अनुयायी होने के नाते, हमें अन्याय के विरुद्ध खड़े होने का आह्वान किया जाता है. भरनो प्रखंड के डुम्बो मंदिर के पुजारी रमाकांत मिश्रा ने कहा कि भगवद गीता हमें सिखाती है कि जीवन के प्रत्येक चरण का अपना उद्देश्य होता है. बचपन सीखने और सद्गुणों को विकसित करने का समय है. न कि विवाह के बोझ तले दबने का. सरना धर्मगुरु किशुन टाना भगत ने बताया की हमारे सरना धर्मग्रंथ में बेटियों को घर की लक्ष्मी, समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक मानते हैं. उन्हें कम उम्र में विवाह के लिए मजबूर करना इस पवित्र मान्यता का अपमान है. धर्म के रक्षक होने के नाते, हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए. उनकी प्रतिभा को पोषित करना चाहिए और उन्हें निखरने का अवसर देना चाहिए. बाल विवाह को समाप्त करना न केवल लड़कियों की रक्षा है. बल्कि भारत के भविष्य की भी रक्षा है. मौके पर लोहरदगा ग्राम स्वराज्य संस्थान के जिला समन्वयक मिथिलेश कुमार पांडेय, जया सेन गुप्ता, तुर मोहम्मद अंसारी, श्रवण भगत, दिनेश गोप, राजेश साहू, बसो देवी सहित कई लोग मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel