गुमला. राष्ट्रीय खेल दिवस पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर गुमला में शुक्रवार को भारतीय पारंपरिक खेलों का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में भैया-बहनों ने न केवल शारीरिक गतिविधियों में शामिल हुए, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका मिला. प्रधानाचार्य संजीव कुमार सिन्हा, खेल प्रशिक्षक संजय कुमार व वरिष्ठ आचार्य देवेंद्रनाथ तिवारी ने हॉकी के महान जादूगर मेजर ध्यानचंद की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. प्रधानाचार्य ने कहा कि उनका जीवन खेल के प्रति समर्पण व मेहनत का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. खेल प्रशिक्षक संजय कुमार के कुशल नेतृत्व में विद्यालय के भैया-बहनों ने खो-खो, कबड्डी, रस्सी कूद, अंडा चोर, गोटी और कित-कित जैसे सदियों पुराने पारंपरिक खेलों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. इन खेलों के दौरान भैया-बहनों में अद्भुत उत्साह व जोश देखने को मिला. भैया-बहनों ने न केवल इन खेलों का आनंद लिया, बल्कि टीम वर्क और आपसी सहयोग की भावना का परिचय दिया. प्रशिक्षक संजय कुमार ने बताया कि इन खेलों के माध्यम से हम अपनी संस्कृति को जीवित रख सकते हैं. आनेवाली पीढ़ियों तक पहुंचा सकते हैं. प्रधानाचार्य संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि खेल हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है. उन्होंने कहा खेल हमें अनुशासन, कड़ी मेहनत और टीम भावना सिखाते हैं.
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