गुमला, जगरनाथ पासवान : गुमला जिला में बेरोजगारी का दंश झेल रहे लोगों के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) मील का पत्थर साबित हो रहा है. आरसेटी ग्रामीण विकास विभाग भारत सरकार एवं झारखंड सरकार द्वारा प्रायोजित है. जिसका संचालन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है. गुमला जिले में बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए एक जनवरी, 2014 में गुमला में आरसेटी का शुरूआत किया गया था. शुरुआती समय में आरसेटी का संचालन संत इग्नासियुस हाईस्कूल के एराउज में किराये के भवन में किया जा रहा था. इधर, कुछ साल पहले जिला मुख्यालय से लगभग पांच किमी दूर सिलम में सीआरपीएफ कैंप के सामने आरसेटी का अपना भवन बनाया गया है. जहां सुचारू रूप से आरसेटी का संचालन किया जा रहा है. वर्तमान में आरसेटी के निदेशक निपुण गुप्ता हैं.
लोगों को हुनरमंद बनाना आरसेटी का उद्देश्य
आरसेटी का उद्देश्य रोजगार की तलाश कर रहे लोगों के हाथ में हुनर देकर हुनरमंद बनाना है. जहां लोगों को एक-दो या तीन-चार नहीं, बल्कि अनेकों प्रकार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आरसेटी में एक जनवरी 2014 से 15 फरवरी 2023 तक कुल 205 प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा चुका है. 205 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कुल 5331 लोगों के हाथ मे हुनर दिया गया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां संचालित हर प्रशिक्षण कार्यक्रम नि:शुल्क है. प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यदि किसी के पास पूंजी का अभाव है तो उसे बैंक के माध्यम से लोन के रूप में पूंजी भी मुहैया कराया जा रहा है. आरसेटी में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अधिकांश लोग खुद के पास से पूंजी लगाकर अपना व्यवसाय कर रहे हैं, जबकि लगभग 1500 लोगों को व्यवसाय शुरू करने के लिए आरसेटी द्वारा बैंक से लोन के रूप में अनुदान पर पूंजी उपलब्ध कराया गया है.
आरसेटी में इन चीजों का दिया जा रहा है प्रशिक्षण
आरसेटी में अनेकों तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसमें दो पहिया वाहन मरम्मती, सुकर पालन, बकरी पालन, कृषि उद्यमी, सामान्य उद्यमिता विकास प्रशिक्षण, मशरूम की खेती, सब्जी नर्सरी एवं सब्जी खेती का प्रशिक्षण, मछली पालन, फास्ट फुड स्टॉल उद्यमी प्रशिक्षण, सिलाई महिलाओं के लिए वस्त्र निर्माण, कॉस्टयूम ज्वेलरी उद्यमी, एफएलसीआरपी प्रशिक्षण, आचार, पापड़ एवं मशाला पाउडर निर्माण, बिजनेस कोरेस्पोंडेंस एवं बिजनेस फैसेलिटेटर प्रशिक्षण, गाय पालन एवं वर्मी कंपोस्ट, बांस और बेंत शिल्प निर्माण, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, रेशम कोष उत्पादक व प्लंबिंग एवं सैनेटरी वर्क का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इन प्रशिक्षणों के अलावा छह नये प्रशिक्षण भी शुरू किया गया है. जिसमें सेल फोन रिपयेर एवं सर्विस, कॉम्यूनिटी पिसोर्स पर्सन-इंटरप्राइजेज प्रोमोशन, कंप्यूटराईज अकाउंटिंग, इंटाप्रेनियोरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम फोर माइक्रो इंटरप्रेनियोर, ग्रोसरी एंड किराना शोप आदि प्रशिक्षण शामिल हैं. इन सभी प्रशिक्षणों के लिए तिथि निर्धारित है.
महिलाओं की संख्या अधिक
आरसेटी से सबसे ज्यादा लाभान्वित होने वाले लाभुक महिलाएं हैं. आरसेटी में पिछले नौ सालों में चले 205 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षण के लिए शामिल होने वाले 5331 लोगों में से 3852 महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है. वहीं पुरुषों की बात करें तो महज 1479 पुरुषों ने ही प्रशिक्षण प्राप्त किया है. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद रोजगार शुरू करने वालों में भी सबसे अधिक संख्या महिलाओं की ही है.
खुद को साबित करने में लगी महिलाएं
आरसेटी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही मिला अनुपमा देवी, सुप्रिया कुमारी, सनियारो देवी, भगवती देवी आदि ने बताया कि संस्थान में वे लोग विभिन्न प्रकार का पापड़, आचार और मशाला पाउडर बनाने का प्रशिक्षण ले रही हैं. प्रशिक्षण अब अंतिम चरम पर है. महिलाएं कहती हैं कि वे लोग बेरोजगार हैं. रोजगार की तलाश किये. परंतु कहीं रोजगार नहीं मिला. अब प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद खुद का व्यवसाय शुरू करेंगे. पापड़, आचार और मशाला पाउडर जैसी चीजे रोजाना भोजन में उपयोग होने वाली चीजे हैं. इन चीजों को खुद से बनाकर बेरोजगारी की समस्या को दूर करेंगे.
बेरोजगारी दूर करने में बेहतर माध्यम है आरसेटी : निपुण गुप्ता
इस संबंध में गुमला में आरसेटी के निदेशक निपुण गुप्ता ने कहा कि आरसेटी बेरोजगारी की समस्या को दूर करने का एक बेहतर माध्यम है. यहां न केवल लोगों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले इच्छुक लोगों को व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक के माध्यम से लोन के रूप में पूंजी भी उपलब्ध कराया जा रहा है. कोई भी महिला या पुरुष संस्थान में नि:शुल्क प्रशिक्षण लेकर अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं. प्रशिक्षण से लेकर रोजगार शुरू करने तक आरसेटी मदद करेगा.