गुमला. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 तथा इसके अंतर्गत निर्मित प्रीवेशन ऑफ एट्रोसिटिज रूल 1995 की धारा-17 (ए) के तहत अनुमंडल स्तरीय सतर्कता व निगरानी समिति की बैठक गुरुवार को हुई. नियमावली के अनुसार समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में होना अनिवार्य है. अध्यक्षता सदर एसडीओ राजीव नीरज ने की. बैठक में समिति के सदस्यों द्वारा एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार पर बल दिया. कहा कि प्रचार-प्रसार से एससी व एसटी समुदाय के लोग अपने अधिकारों व संरक्षण संबंधी प्रावधानों के प्रति जागरूक होंगे. बैठक में गुमला अनुमंडल अंतर्गत एससी व एसटी समुदाय के विरुद्ध होने वाले प्रकरणों की समीक्षा की गयी. साथ ही भविष्य में अत्याचार की घटनाओं की रोकथाम, पीड़ितों को त्वरित राहत उपलब्ध कराने तथा उनके पुनर्वास व संरक्षण के लिए ठोस कार्य योजना बनाने पर बल दिया गया. एसडीओ राजीव नीरज ने गुमला अनुमंडल अंतर्गत सभी प्रखंडों के बीडीओ को पंचायत समिति की बैठकों में पदाधिकारियों व सदस्यों को अधिनियम से अवगत कराने तथा इसकी जानकारी ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने की बात कही. इस दौरान पंचायत समिति की बैठक में पीएलवी की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया, जिससे वे जमीनी स्तर पर अधिक से अधिक लोगों को इस अधिनियम की जानकारी देकर उनके बीच जागरूकता फैला सकेंगे. बैठक में एसडीपीओ, डीएसपी, विभिन्न प्रखंडों के बीडीओ, सीओ समेत गुमला व बिशुनपुर विधायक प्रतिनिधि, जिप सदस्य, प्रखंड प्रमुख, अधिवक्ता अरुण कुमार व समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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