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वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में निकाली रैली

विरोध प्रदर्शन. अंजुमन इस्लामिया के नेतृत्व में तिरंगा लेकर सड़क पर उतरा मुस्लिम समाज

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गुमला. अंजुमन इस्लामिया गुमला के तत्वावधान में शुक्रवार को मुस्लिम धर्मावलंबियों ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में रैली निकाल शहर में विरोध प्रदर्शन किया. रैली की शुरुआत थाना रोड स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद शुरू की गयी. उक्त रैली थाना रोड से शुरू होकर हुए टावर चौक, मेन रोड, पटेल चौक, लोहरदगा रोड, थाना चौक होते हुए पुन: जामा मस्जिद के समीप पहुंच कर सभा के रूप में तब्दील हो गयी. रैली के दौरान हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने हाथ में तख्ती लिए हुए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का विरोध करते हुए किये गये संशोधन को रद्द करने की मांग की गयी. इसके बाद अंजुमन इस्लामिया के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. मौके पर आशिक अंसारी, मो कलीम अख्तर, सरवर आलम, शहजाद अनवर, शमीम, हसन उर्फ लड्डन, अफसर आलम, मोहम्मद मेराज, कौशर हव्वारी, मोहम्मद अनवर, मीर मेराज, मुमताज आलम, असलम, मोहम्मद कलीम, आजाद खान, फिरोज, शाहनवाज कुरैशी, शाहजहां अंसारी, इरफान अली, समसुजोहा, तनवीर नाज, समरूद्दीन कुरैशी, आफताब आलम, शकील खान, मोहम्मद शमशुल खान, जहांगीर आलम, मो साजिद, मो वसीम, मो शमशाद, मो लड्डन, मो आरिफ, मो जुबैर, मो मुन्ना पंगा, मो रफी, मो अफसर कल्लू, मो फिरोज आलम, मो मोख्तार, मो मिन्हाज, मो शमीम, मो ग्यास, मो नुरुल होदा, मो जमील अख्तर आदि शामिल थे.

झारखंड में नहीं चलेगा भाजपा का तुगलकी फरमान : विधायक

विरोध-प्रदर्शन में शामिल गुमला विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ विरोध अभियान तेज किया है. इसके पीछे केंद्र सरकार की बड़ी साजिश व योजना है. हम भाजपा की तुगलकी फरमान झारखंड में नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि अदानी और अंबानी को वक्फ बोर्ड की जमीन नहीं बेचने देंगे. झामुमो इस अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़ी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम समाज के नकली हितैषी हैं. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 राजनीति से प्रेरित है. इसके पीछे बड़े पूंजीपतियों का भी हाथ है. परंतु झारखंड में केंद्र सरकार के इस कानून को नहीं माना जायेगा. अंजुमन इस्लामिया गुमला के सचिव मकसूद आलम ने कहा कि जिन अधिकारों और संरक्षणों का लाभ अन्य धार्मिक समुदायों की वक्फ संपत्तियां को प्राप्त है. उनमें मुस्लिम वक्फों को वंचित कर दिया गया है. मौजूदा संशोधन से वक्फ की जमीन व वक्फ की संपत्तियों में सरकारी भू-माफिया और पूंजीपतियों का अवैध कब्जा होने का अंदेशा है.

हमें यह कानून मान्य नहीं : मुशाहिद आजमी

अंजुमन के सदर मुशाहिद आजमी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन कानून 2025 का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार अंजुमन इस्लामिया गुमला प्रजातांत्रिक तरीके से जिला के तमाम मुस्लिमों ने शांति प्रोस्टेट मार्च मुख्यालय में निकाल कर अपना विरोध दर्ज किया है. देश के संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 प्रत्येक धार्मिक समुदाय को न केवल अंतरात्मा की स्वतंत्रता प्रदान करता है. बल्कि अपने धर्म का पालन करने, प्रचार-प्रसार करने तथा धार्मिक और परोपकारी कार्यों के लिए संस्थाएं स्थापित करने और उन्हें अपने अनुसार संचालित करने का अधिकार देता है. वर्तमान संशोधित कानून मुसलमानों को इस मौलिक अधिकार से वंचित कर देता है. केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों के गठन से संबंधित संशोधन इसका जीवन प्रमाण है. इस प्रकार वक्फ दाता पर पांच वर्ष तक पैक्टिसिंग मुस्लिम होने की शर्त न केवल संविधान के अनुच्छेद-25 के विरुद्ध है, बल्कि सरीअत से भी कराती है. याचिका में इस कानून को भेदभावपूर्ण और अनुच्छेद 25 के प्रतिकूल बताया गया है. हमें यह कानून मान्य नहीं है. इसलिए इस कानून में पुनर्विचार किया जाये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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