गुमला. डुमरी आकांक्षी प्रखंड है, जहां सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं, परंतु आज भी पोखरगढ़ा गांव के लोग नदी का दूषित पानी पीने को विवश हैं. यह मामला मंगलवार को दिशा की बैठक में उठा. दिशा सदस्य रमेश कुमार चीनी ने गांव के लोग किस प्रकार पीने के लिए नदी का पानी डेकची में भर कर ले जा रहे हैं. इसकी तस्वीर भी उपलब्ध करायी. साथ ही गांव की समस्याओं से सांसद व अधिकारियों को अवगत कराया है. रमेश कुमार ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा गुमला जिले के डुमरी प्रखंड को विशेष आकांक्षी प्रखंड घोषित किया गया है. आकांक्षी प्रखंड डुमरी में अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं को पहुंच कर लोगों को लाभ देना था. लेकिन धरातलीय स्थिति देखें, तो प्रखंड के कई गांव हैं, जहां आज भी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पायी हैं. डुमरी प्रखंड के पोखरगढ़ा गांव के लोग आज भी पहाड़ों से उतरने वाले संक्रमित पानी पीने को मजबूर हैं, जबकि गांव में दो सोलर जलापूर्ति योजना लगायी गयी थी, जो लगने के साथ ही खराब व बेकार पड़ी है, जिससे ग्रामीण गंदा पानी पीने को विवश हैं. क्योंकि उन्हें शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा. पोखरगढ़ा गांव में लगभग 20 घर हैं, परंतु आज भी यह गांव सरकारी सुविधाओं से महरूम है. आकांक्षी प्रखंड डुमरी में करोड़ों रुपये की लागत से बन रहा स्वास्थ्य केंद्र आज भी अधूरा है. आधा-अधूरा कार्य कर संवेदक कार्य छोड़ कर भाग गया है, जिससे प्रखंड के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा आज तक नहीं मिली है.
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