गुमला. मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति गुमला व जपाइगो द्वारा चिल्ड्रेंस इनवेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (सीआइएफएफ) के सहयोग से एएनसी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण में 21 बैच में 345 एएनएम, 219 सीएचओ, 45 स्टाफ नर्स व 36 चिकित्सा पदाधिकारियों (कुल 645 सेवा प्रदाताओं) को बसिया एमओ डॉक्टर सिपिग निभा बारला, सीएचओ निर्मला कुमारी एवं जपाइगो से दीपिका बा व राजेश कुमार द्वारा उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की शीघ्र पहचान व प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गयी, ताकि मातृ व शिशु मृत्यु दर कम किया जा सके. साथ ही पेट की जांच, यूरिन डिपस्टिक टेस्ट, ओजीटीटी, गर्भावस्था की अवधि का निर्धारण, एनीमिया व उच्च रक्तचाप संबंधी विकारों का निदान, प्रबंधन व रेफरल से संबंधित जानकारियां दी गयी. सिविल सर्जन डॉ शंभुनाथ चौधरी ने बताया कि बॉर्न हेल्दी कार्यक्रम के अंतर्गत जपाइगो के सहयोग से प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है, जिससे मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी संभव होगी. जिला आरसीएच पदाधिकारी, डॉ सुनील राम ने स्वास्थ्य कर्मियों को कार्य दक्षता, परामर्श, डाटा रिकॉर्डिंग व रिपोर्टिंग पर जानकारी दी गयी.
बारिश से घर क्षतिग्रस्त, मदद की गुहार
बसिया. प्रखंड में भारी बारिश से तेतरा निवासी बिमल तिर्की का घर क्षतिग्रस्त हो गया है. विमल अपने घर को बांस व बली के सहारे खड़ा कर रखा है, जो कभी भी गिर सकता है. फिलहाल वह दूसरे के घर पर आश्रय लेने को विवश है. बिमल ने बताया कि वह खेती-बारी कर अपना परिवार का भरण-पोषण करता है. उसके दो बेटे व तीन बेटियां हैं. उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. घर की मरम्मत भी नहीं करवा सकता. बिमल ने प्रखंड प्रशासन से मदद करने की गुहार लगायी है.
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