गुमला. डीएवी पब्लिक स्कूल गुमला में डीएवी सेंटर फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के तत्वावधान में तीन दिवसीय डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड जोन-ए के शिक्षकों के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का शुभारंभ हुआ. सेमिनार में पांच जिले गुमला, गढ़वा, लोहरदगा, सिमडेगा व लातेहार के डीएवी स्कूल के 182 शिक्षक शिक्षिकाएं भाग ले रही हैं. मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खान, डीएवी पब्लिक स्कूल झारखंड जोन-ए के असिस्टेंट रीजनल ऑफिसर ओपी मिश्रा, डीएवी पब्लिक स्कूल गुमला के प्रधानाचार्य डॉ आरके साहू, डीएवी पब्लिक स्कूल गढ़वा के प्रधानाचार्य सह ऑब्जर्वर एके मंडल थे. डीएसइ नूर आलम खान ने कहा कि अलग-अलग कक्षाओं व अलग आयु वर्ग के बच्चों के लिए एक ही टीचिंग टेक्निक नहीं अपनानी चाहिए. बदलते परिवेश व सामाजिक परिस्थितियों में हमें बच्चों को नशापान से बचाना चाहिए. हम शिक्षकों का अस्तित्व बच्चों से ही है. इसलिए हमें बच्चों को प्राथमिकता देनी चाहिए. एआरओ ओपी मिश्रा ने कहा कि कोविड के बाद चीजें तेजी से बदली हैं और डिजिटल लर्निंग की ओर रुझान बढ़ा है. लेकिन हमने यह देखा है कि बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन मोबाइल है. डॉ रमाकांत साहू ने कहा कि बच्चों को 21वीं सदी के स्किल से ओत-प्रोत करने के लिए हमें खुद भी ज्ञान व टेक्नोलॉजी से संपन्न होना होगा. मौके पर डीएवी लोहरदगा प्रधानाचार्य जीपी झा, डीएवी लातेहार प्रधानाचार्य जीके सहाय, डीएवी खलारी प्रधानाचार्य कमलेश कुमार, डीएवी सिमडेगा प्रधानाचार्य सुजय मिश्रा, एसडी डीएवी टीचर इंचार्ज एके पात्रा, डीएवी गुमला सुपरवाइजरी हेड पवित्र कुमार मोहंती, एसके आचार्य मौजूद थे.
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