गुमला. आदि कर्मयोगी अभियान के तहत समाहरणालय सभागार चंदाली गुमला में डिस्टिक वन ओरिएंटेशन वर्कशॉप हुआ. मौके पर उपायुक्त ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण समुदायों की सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करना है. यह योजना समस्या केंद्रित न होकर समाधान केंद्रित होगी. कहा कि जिले के जनजातीय समुदायों के समुचित विकास के लिए इस प्रकार की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है. योजना के तहत ग्राम स्तर पर आदि कर्मयोगी केंद्र की स्थापना की जायेगी, जिसमें नोडल पदाधिकारी का नाम और संपर्क विवरण अंकित रहेगा, ताकि आमजन अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सीधे संपर्क स्थापित कर सकें. वर्कशॉप के बाद होटल जयपुर लोहरदगा रोड गुमला में तीन दिवसीय जिला प्रक्रिया प्रयोगशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी, जहां डीडीसी दिलेश्वर महतो ने अभियान के उद्देश्यों की जानकारी साझा की. कहा कि प्रत्येक गांव स्वयं अपनी प्राथमिकताएं तय करेगी और इस आधार पर विकास कार्यों की दिशा निर्धारित की जायेगी. विभागीय संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए अभिसरण की आवश्यकता पर भी बल देते हुए यह स्पष्ट किया कि इस योजना में ग्राम पंचायत सचिवों, स्वयंसेवकों व स्थानीय समुदाय की भूमिका अहम होगी. पूरी योजना को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जायेगा, जिससे ग्रामीणों को सभी सेवाएं व योजनाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगी. जिला कल्याण पदाधिकारी (डीडब्ल्यूओ) आलोक रंजन ने कहा कि अभियान का उद्देश्य है कि प्रत्येक गांव सशक्त, आत्मनिर्भर और समग्र विकास की दिशा में आगे बढ़े. योजना के तहत आदि सहयोगी के रूप में शिक्षक, डॉक्टर व विभिन्न पेशेवर समुदाय को मार्गदर्शन देंगे. आदि साथी के रूप में स्वयं सहायता समूह, महिला मंडल, जनजातीय बुजुर्ग, युवा व स्थानीय जनप्रतिनिधि योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग व समर्थन प्रदान करेंगे.
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