गुमला. गुमला प्रखंड के करौंदी पंचायत सचिवालय में पदाधिकारियों की अनियमित उपस्थिति से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पंचायत के लोग अपने विभिन्न कार्यों को लेकर सुबह से ही सचिवालय पहुंच जाते हैं, लेकिन पंचायत के मुखिया, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक समेत अन्य पदाधिकारी तय समय पर नहीं पहुंचते. कभी-कभी तो पूरा दिन बीत जाता है और कोई सचिवालय नहीं आता, जिससे ग्रामीणों को बिना काम कराये वापस लौटना पड़ता है. गुरुवार को भी ऐसा ही दृश्य देखने को मिला. दोपहर लगभग 1:15 बजे जब प्रभात खबर प्रतिनिधि पंचायत सचिवालय पहुंचे, तो वहां आधा दर्जन ग्रामीण बरामदे में बैठे हुए थे. वे सभी पंचायत के पदाधिकारियों का इंतजार कर रहे थे. कोई मनरेगा जॉब कार्ड बनवाने आया था, तो कोई जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज के लिए, लेकिन उस समय तक सचिवालय में कोई भी पदाधिकारी मौजूद नहीं था.
मनरेगा जॉब कार्ड बनवाने के लिए कई बार सचिवालय का चक्कर लगा चुकी हैं किरण व निशु
ग्रामीणों से बातचीत करने पर पता चला कि वे सुबह 10 से 11 बजे के बीच सचिवालय पहुंच गये थे. करौंदी की किरण देवी व निशु देवी ने बताया कि वे मनरेगा जॉब कार्ड बनवाने के लिए कई बार सचिवालय का चक्कर लगा चुकी हैं. गुरुवार को उन्हें जानकारी मिली थी कि रोजगार सेवक सचिवालय में उपस्थित रहेंगे, इसलिए वे सुबह ही आ गयी, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी कोई नहीं आया. इस प्रकार करौंदी की वृद्धा रैनी देवी आवास योजना की सूची में अपना नाम देखने के लिए सचिवालय पहुंची थी. उन्होंने बताया कि वे सचिवालय खुलने से पहले ही आ गयी थी, लेकिन वहां न तो मुखिया थे और न ही पंचायत सेवक. जोराग के विजय नायक अपनी बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आये थे. उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र बन चुका है, लेकिन पंचायत सेवक की मुहर लगना बाकी है. तिर्रा डुमरटोली की बसंती देवी और केतकी देवी अपने-अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने आयी थी, लेकिन उन्हें भी निराशा हाथ लगी. लगभग 1:30 बजे पंचायत सेवक सीताराम साहू सचिवालय पहुंचे. उन्होंने बताया कि वे सुबह 11 बजे सचिवालय आये थे, लेकिन कोई ग्रामीण नहीं था. इसके बाद वे नक्शा बनाने के लिए प्रखंड कार्यालय चले गये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

