गुमला. गुमला जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए एआइ जागरूकता अभियान शनिवार को बिशुनपुर व पालकोट प्रखंड से हुई. बिशुनपुर प्रखंड में जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो, जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां व बीपीओ नीरज कुमार तथा पालकोट प्रखंड में बीपीओ एंजलीना मिंज, तारा लकड़ा समेत अन्य पदाधिकारियों द्वारा शिक्षकों को एआइ एप्लिकेशन के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया, ताकि वे स्वयं दक्ष होकर छात्रों को मार्गदर्शन दे सकें. उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा कि स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाने और शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी व रोचक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एप्लीकेशन का सुरक्षित व जिम्मेदार उपयोग आवश्यक है. एआइ का सुरक्षित व रचनात्मक उपयोग शिक्षा जगत में क्रांतिकारी बदलाव लायेगा. इसके लिए शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को चैट जीपीटी, डीप सिक व अस्क परप्लेक्सिटी जैसे एआइ एप्लीकेशन के प्रति जागरूक होना जरूरी है. उपायुक्त ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एप्लीकेशन एक डिजिटल शिक्षक की तरह कार्य करते हैं. उनका उपयोग कर शिक्षक पाठ योजना निर्माण, बच्चों का मूल्यांकन, क्विज व प्रश्न पत्र निर्माण, प्रोजेक्ट निर्माण जैसी गतिविधियों को अधिक सटीक व प्रभावी बना सकते हैं. छात्र-छात्राएं नोट्स, सारांश तैयार करने, भाषा सीखने, कठिन विषयों को समझने व परीक्षाओं की तैयारी के लिए उनका लाभ उठा सकते हैं. उपायुक्त ने कहा कि कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थी गणित के कठिन सवालों का अभ्यास, विज्ञान की जटिल अवधारणाओं की समझ, थ्रीडी मॉडल व रासायनिक समीकरण जैसे विषयों को सरल बना सकते हैं. इस प्रकार भाषा शिक्षण, व्याकरण सुधार, शब्दावली बढ़ाने व सामाजिक विज्ञान विषयों पर गहन चर्चा करते हुए बेहतर समझ विकसित की जा सकती है. इस दिशा में झारखंड शिक्षा परियोजना गुमला द्वारा शिक्षकों व छात्रों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सर्वोत्तम उपयोग संबंधी कार्य योजना तैयार की गयी है. इसके तहत सभी प्रखंडों, संकुलों व विद्यालयों को मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है. साथ ही कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को उचित तरीके से कमांड देने व एआइ का जिम्मेदार उपयोग सिखाने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा.
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