गुमला. गुमला व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत लगायी गयी. इसमें मुख्य न्यायाधीश झारखंड उच्च न्यायालय तरलोक सिंह चौहान व मेजर जनरल सज्जन सिंह मान उपस्थित थे. वीर परिवार सहायता योजना 2025 के तहत लीगल सर्विस क्लिनिक का रांची डीपाटोली से ऑनलाइन उद्घाटन हुआ. न्यायाधीश ने कहा कि न्यायिक सेवा कोई नौकरी नहीं, अपितु सेवा है. इसका कार्य लोगों की सेवा करना है. उसी कड़ी में नालसा द्वारा वीर परिवार सहायता योजना 2025 लागू किया गया. इसमें वीर परिवार के वर्तमान या भूतपूर्व सैनिक उनके परिवार एवं रिश्तेदारों को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान की जायेगी. इस क्रम में करौंदी स्थित सैनिक कार्यालय जो गुमला सिमडेगा लोहरदगा का संयुक्त कार्यालय है. वहां भी लीगल सर्विस क्लीनिक की स्थापना की गयी. पैनल लॉयर सुधीर कुमार पांडे व पीएलवी एनोस बखला सेवानिवृत्त सैनिक को नियुक्त किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत के ऑनलाइन उद्घाटन के अवसर पर गुमला व्यवहार न्यायालय में पीडीजे ध्रुव चंद्र मिश्र, कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश ओम प्रकाश, डीएलएसए सचिव राम कुमार लाल गुप्ता, पुलिस अधीक्षक हरीश बिन जमां, बार के कार्यकारी अध्यक्ष श्रवन कुमार साहू मौजूद थे. इस वर्ष के तीसरे राष्ट्रीय लोक अदालत पर सात बेंच का गठन किया गया, जिसमें 29,509 मामलों का निष्पादन किया गया. साथ ही 23 करोड़, 72 लाख, 25 हजार, 702 रुपये राजस्व प्राप्त हुआ. लोक अदालत के फायदे बताये गये : बैंक ऑफ इंडिया टोटो शाखा के क्रेडिट अधिकारी सुयश कुमार व एलडीएम पवन कुमार ने लोक अदालत के फायदे बताये. उन्होंने कहा कि यहां गरीबों की समस्या का निवारण आसानी से होता है. केसीसी लोन का निबटारा कम से कम पैसों में होता है. उन्हें शाखा की चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ती. उन्होंने कहा कि सस्ते दरों में लोन प्राप्ति के लिए अपने नजदीकी बैंक ऑफ इंडिया शाखा में संपर्क करें.
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