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महुआ चुनने गये लोगों पर जंगली हाथी ने हमला किया, एक वृद्ध की मौत

रायडीह थाना क्षेत्र के सुगाकाटा गांव के अंबाकोना में शनिवार की अहले सुबह जंगली हाथी के कुचलने से गांव के ही फिरला नगेसिया (72) की घटनास्थल पर मौत हो गयी.

: रायडीह प्रखंड के सुगाकाटा गांव के लोग अहले सुबह अंबाकोना जंगल में महुआ चुनने गये थे. : महुआ चुनने के दौरान अचानक हाथी आ धमका, एक वृद्ध को कुचला, बाकी लोगों ने भागकर बचायी जान. : वन विभाग ने मृतक के आश्रित को मृतक के अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपये दिया. 29 गुम 15 में मृतक फिरला नगेसिया (फाइल फोटो) 29 गुम 16 में मृतक का पंचनामा करती पुलिस प्रतिनिधि, रायडीह (गुमला) रायडीह थाना क्षेत्र के सुगाकाटा गांव के अंबाकोना में शनिवार की अहले सुबह जंगली हाथी के कुचलने से गांव के ही फिरला नगेसिया (72) की घटनास्थल पर मौत हो गयी. इस दौरान कई ग्रामीण भागकर अपनी जान बचायी. बताते चलें कि एक दिन पूर्व पालकोट थाना क्षेत्र में जंगली हाथी ने दो लोगों को मौत के घाट उतारते हुए रायडीह थाना क्षेत्र में रात में प्रवेश गया. इधर, ग्रामीणों ने घटना की जानकारी वन विभाग व रायडीह थाना दिया. जिसके बाद फोरेस्ट इंचार्ज शम्मी आफताब व रायडीह थाना प्रभारी कुंदन कुमार सिंह दलबल के साथ घटनास्थल पहुंचे. जहां शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गुमला भेज दिया. घटन के संबंध में मृतक फिरला नगेसिया की बहू सीता देवी ने बताया की शनिवार की अहले सुबह उठकर मेरे ससुर महुआ चुनने के लिए पड़ोस के अंबाकोना गांव के जंगल गये थे. जहां एक जंगली हाथी आ धमका और मेरे ससुर को कुचल कर मार डाला. वहीं अगल-बगल में महुआ चुन रहे लोगों ने भागकर अपनी जान बचायी और घर आकर सूचना दी. रायडीह फॉरेस्ट इंचार्ज शम्मी आफताब ने बताया की पालकोट में एक दिन पूर्व घटना घटी थी और सूचना मिला था की जंगली हाथी काफी हिंसक हो गया है और रायडीह थाना क्षेत्र की ओर आगे बढ़ रहा है. इस बात को लेकर सिलम, डोबडोबी, जमगाई, लोकी, पीबो क्षेत्र में रात में कैंप कर लोगों को जागरूक किया जा रहा था और और सतर्क रहने की अपील की जा रही थी. परंतु रात में हाथी सुगाकटा जंगल पहुंच गया और गांव के ही फिरला नगेसिया को कुचल डाला. वहीं वन विभाग की ओर से मृतक की बहु के मृतक के अंतिम क्रियाकर्म के लिए 10 हजार रुपये नकद दिया गया. वन विभाग के लोगों द्वारा बताया गया की कागजी प्रक्रिया के बाद मृतक के आश्रितों को बतौर मुआवजा चार लाख रुपये दिय जायेगा. फॉरेस्ट इंचार्ज ने लोगों से अपील किया कि जब तक क्षेत्र में हाथी है. तब तक रात के अंधेरे में घर से बाहर नहीं निकले और अहले सुबह महुआ या लकड़ी चुनने के लिए जंगल की ओर नहीं जाये.

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