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गुमला में सड़क सुरक्षा पर ध्यान नहीं
गुमला : गुमला एक्सीडेंटल जोन बन गया है. हर रोज सड़क हादसे होते हैं. इसमें लोगों की जान जा रही है. घायल भी हो रहे हैं. सबसे अधिक कम उम्र के बच्चे हादसे के शिकार हो रहे हैं. इसके बावजूद लोग सड़क सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. बाइकर्स गैंग भी हावी हैं. शहर […]
गुमला : गुमला एक्सीडेंटल जोन बन गया है. हर रोज सड़क हादसे होते हैं. इसमें लोगों की जान जा रही है. घायल भी हो रहे हैं. सबसे अधिक कम उम्र के बच्चे हादसे के शिकार हो रहे हैं. इसके बावजूद लोग सड़क सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. बाइकर्स गैंग भी हावी हैं. शहर में बाइक की रफ्तार कई लोगों की जान ले रही है. तेज गति से बाइक चलाने वाले खुद भी मर रहे हैं. दूसरों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. कई युवक मौत से करतब कर रहे हैं. इसके बावजूद युवक नहीं सुधर रहे हैं और मौत से खेल रहे हैं.
कई सड़क हादसे प्रशासनिक लापरवाही का भी नतीजा है. महीनों पहले प्रशासन को सरकार का निर्देश प्राप्त हुआ था. एक्सीडेंटल जोन को चिह्नित कर वहां एरो चिह्न लगाना था, लेकिन अभी तक गुमला (कुछ थाना को छोड़ कर) में एक्सीडेंटल जोन चिह्नित नहीं हुआ है. यही वजह है कि एक्सीडेंटल जोन में आये दिन हादसे हो रहे हैं.
घाघरा के देवाकीधाम पुल, जो पूरी तरह एक्सीडेंटल जोन है. यहां एक महीना में पांच लोगों की जान जा चुकी है. पर अभी तक पुल में रेलिंग नहीं लगी है. न ही खतरनाक जोन का चिह्न व बोर्ड लगा है. इसी प्रकार गुमला शहर के करमडीपा मोड़, भरदा गांव, अंबेराडीह मोड़, रायडीह का डोबडोबी मोड़, मिलमिली पुल का मोड़, सिलम घाटी, सिसई प्रखंड का रेड़वा मोड़, भरनो प्रखंड का डुंबो मंदिर मोड़ के अलावा कई ऐसे जगह हैं, जहां सड़क हादसे होते हैं.
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