कलाकारों का नाम आइटीडीए विभाग की सूची में होने के बाद भी दिल्ली नहीं जाने दिया गया. आइटीडीए निदेशक व विधायक के खिलाफ आंदोलन करेंगे.
गुमला : गुमला में कैथोलिक सभा की बैठक हुई. मौके पर दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव में करमडीपा व दाऊदनगर के कलाकारों को नहीं जाने देने पर चर्चा की गयी. वक्ताओं ने कहा कि दिल्ली में होनेवाले आदिवासी नृत्य के लिए कलाकारों का चयन किया गया था.
उसका नाम आइटीडीए विभाग की सूची में था. लेकिन विधायक व आइटीडीए पदाधिकारी की मिलीभगत से एक साजिश के तहत एक विशेष समुदाय के कलाकारों को दिल्ली जाने नहीं दिया गया. जबकि विधायक के कहने पर निदेशक कृष्ण किशोर ने एक दूसरे समुदाय के कलाकारों को दिल्ली जाने का पास दिया गया. कलाकारों के साथ हुए पक्षपात व उपेक्षापूर्ण रवैये के खिलाफ कैथोलिक सभा आंदोलन करेगा. नहीं तो डीसी श्रवण साय इस मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए कलाकारों को दिल्ली जाने से रोकने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.
कैथोलिक सभा के अध्यक्ष सेत कुमार एक्का ने कहा कि गुमला के दो आदिवासी नृत्य दल करमडीपा व दाऊदनगर जो इसाई धर्म से संबंधित हैं. उन्हें दिल्ली में आयोजित आनंद उत्सव में बजाैर कलाकार शामिल होना था. लेकिन विधायक व आइटीडीए निदेशक के कहने पर कलाकारों को दिल्ली जाने का पास नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण है. भेदभाव की जो नीति अपनायी गयी है. यह निंदनीय है.
पक्षपात करना दुर्भाग्यपूर्ण : भूषण : पूर्व विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि गुमला खेल व कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाये हुए हैं. इसमें इसाई संस्थाओं व लोगों का बहुत बड़ा योगदान है. लेकिन एक विशेष समुदाय के कलाकारों को दिल्ली जाने से रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है.
कलाकारों ने डीसी को ज्ञापन सौंपा : दिल्ली जाने के लिए चयनित करमडीपा व दाऊद नगर के 42 कलाकारों ने डीसी को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें कलाकारों ने कहा है कि हमारे के साथ विधायक व आइटीडीए निदेशक ने पक्षपातपूर्ण कार्य किया है. आदिवासी महोत्सव में यह कह कर जाने नहीं दिया गया कि हम इसाई हैं.