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जिले के डॉक्टर आज नहीं करेंगे काम

जिले के डॉक्टर आज नहीं करेंगे काम मुखिया से छुट्टी लेने का विरोध शुरूगुमला के डॉक्टर अपने केंद्र परधरना देंगेअस्पताल में आकस्मिक सेवा चालू रहेगी6 गुम 1 में बैठक में उपस्तित डॉक्टर.प्रतिनिधि, गुमलाझारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ की बैठक सदर अस्पताल के सभागार में हुई. अध्यक्षता उपाधीक्षक डॉ राजकुमार बेक ने की. बैठक में 11 […]

जिले के डॉक्टर आज नहीं करेंगे काम मुखिया से छुट्टी लेने का विरोध शुरूगुमला के डॉक्टर अपने केंद्र परधरना देंगेअस्पताल में आकस्मिक सेवा चालू रहेगी6 गुम 1 में बैठक में उपस्तित डॉक्टर.प्रतिनिधि, गुमलाझारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ की बैठक सदर अस्पताल के सभागार में हुई. अध्यक्षता उपाधीक्षक डॉ राजकुमार बेक ने की. बैठक में 11 सूत्री मांगों पर विचार-विमर्श किया गया. इनमें सभी विभागों को पंचायती राज के तहत अवकाश लेने का विरोध किया गया. चिकित्सकों को इससे बाहर रखने की मांग की गयी. ग्रामीण स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक या दो चिकित्सकों के द्वारा चिकित्सीय काम किया जा रहा है. सभी उपकेंद्र नियमित रूप से सेवा देने के लिए सभी स्वीकृत पदों को भरा जाये. उसके बाद ही पंचायती राज व्यवस्था को लाया जाये, पारा मेडिकल का स्वीकृत पद पूर्णरूपेण भरने, स्वास्थ्य उपकेंद्रों व सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करने हेतु उचित संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की गयी है. बैठक में चिकित्सकों ने कहा कि यदि नियंत्रण की शक्ति मुखिया, प्रमुख व जिप अध्यक्ष को दिया जाता है, तो फिर प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी व सीएस अपने अधीनस्थ चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों को किस प्रकार निर्देशित करेंगे. बैठक में कहा गया कि मुखिया का कोई कार्यालय नहीं होता है. ऐसी परिस्थिति में चिकित्सक अपनी उपस्थिति व अवकाश के लिए उन्हें कहां खोजेंगे. इस व्यवस्था से चिकित्सा सेवा स्थानीय राजनीति का शिकार हो जायेगी व चिकित्सा के स्तर में और गिरावट होगी. बैठक में निर्णय लिया गया कि सात नवंबर को जिले के सभी चिकित्सक अपनी मांगों के समर्थन में अपने कार्य का बहिष्कार करेंगे और अपने अपने केंद्रों पर काला बिल्ला लगाकर धरना प्रदर्शन करेंगे. सिर्फ एक चिकित्सक द्वारा आकस्मिक सेवा बहाल रहेगी. डॉ आरबी चौधरी की हत्या हुए छह माह बीत जाने के बाद भी सरकार से समझौता के अनुसार मुआवजा एक करोड़ देना था. परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. झासा ने कहा कि यदि जल्द मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया, तो झासा गुमला आंदोलन के लिए बाध्य होगा. मौके पर डॉ बालकृष्ण महतो, डॉ योगेश शरण, डॉ राजेश कुमार, डॉ एमकेएम शाही, डॉ साजिदउल्लाह खान, डॉ अनसेलम लकड़ा, डॉ नमिता झा लकड़ा, डाॅ विजय दशमी उरांव, डॉ बुका उरांव, डाॅ ओमप्रकाश, डॉ आशुतोष तिग्गा, डॉ मनोज सुरीन, डॉ रजनी लाल, डॉ कृष्णा प्रसाद, डॉ आरएन यादव, डाॅ राजेश टोप्पो, डॉ हेमंत कुमार, डॉ केके मिश्रा, डॉ रश्मि कच्छप, डॉ पीएम बाड़ा, डॉ आरपी खलखो, डॉ सुनील किस्कू, डॉ एसपी सिन्हा मौजूद थे. डॉ योगेश अध्यक्ष व बीके महतो बने सचिव: झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ गुमला की बैठक में संघ का पुनर्गठन किया गया. जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष डॉ योगेश शरण, उपाध्यक्ष डॉ एमकेएम शाही व डॉ पर्ल एस्थेर मिंज, सचिव डॉ बीके महतो, संयुक्त सचिव डॉ धनुर्जय सुम्ब्रई व डॉ एस खान व कोषाध्यक्ष डॉ राजेश कुमार को मनोनीत किया गया.

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