दुर्जय पासवान, गुमला
बसिया प्रखंड के बनई पंचायत में बिझिंयाटोली गांव है. यहां एक वृद्ध दंपती भुखमरी में जी रहे हैं. नाम है चमन महली (75 वर्ष) व उसकी पत्नी बिरसी देवी (70 वर्ष). घर में खाने को अनाज नहीं है. घर में पुराने बर्तन है. उसे बेचकर घर का चूल्हा जलता है. बिरसी कई दिनों से बीमार है. चमन महली के पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह अपनी बीमार पत्नी को अस्पताल ले जाकर इलाज करा सके.
चमन ने कहा कि उसे किसी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिल रही है. राशन कार्ड नहीं बना है. किसी प्रकार का सरकारी अनाज नहीं मिलता है. दोनों पति-पत्नी को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलता है. घर में शौचालय नहीं है. खुले में शौच करने जाते हैं. कुछ साल पहले इंदिरा आवास बन रहा था. लेकिन पंचायत के अधिकारी बिचौलिया के माध्यम से काम कराते रहे और घर को अधूरा बनाकर छोड़ दिया. घर में तन ढकने के लिए कंबल नहीं है. इस ठंड में परेशानी हो रही है. वृद्ध चमन ने कहा है कि अगर प्रशासन मदद नहीं करेगी तो भूखे मर जायेंगे. कम से कम राशन कार्ड व वृद्धावस्था पेंशन तो बनवा देते.
एकलौते बेटे की मौत हो गयी है
चमन का एक बेटा था. घर की आर्थिक स्थिति खराब होने पर बेटा गोवा कमाने गया था. ताकि वह अपनी वृद्ध माता-पिता की ठीक ढंग से परवरिश कर सके. लेकिन गोवा से लौटते वक्त उसकी हत्या हो गयी. अभी तक उसका शव भी नहीं मिला है. आज भी चमन व उसकी पत्नी को अपने बेटे के आने का इंतजार है. लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि एक साल पहले ट्रेन से लौटते वक्त उसकी हत्या कर शव को फेंक दिया गया था. शव मिला था. परंतु लाने की सुविधा नहीं होने के कारण उसे दफना दिया गया.
कपड़ा बैंक ने 50 किलो चावल दिया
चमन व उसकी पत्नी भुखमरी में जी रहे हैं. इसकी जानकारी प्रखंड प्रशासन को है. परंतु प्रशासन मदद के लिए अभी तक आगे नहीं आयी है. इधर, कपड़ा बैंक के निदेशक सतीश नायक को जब वृद्ध दंपती के घर की स्थिति की जानकारी मिली तो वह अपने साथी संजय पांडे, टुनटुन सिंह, संदीप पांडे, राहुल साहू व प्रदीप राम के साथ चमन के घर पहुंचे. घर की स्थिति देखकर सतीश ने 50 किलो चावल व दाल दिया. साथ ही बीडीओ से मिलकर वृद्ध दंपती की समस्या दूर कराने का आश्वासन दिये.