घाघरा(गुमला) : घाघरा प्रखंड के 100 से अधिक आदिवासी अब इस्लाम धर्म कबूल नहीं करेंगे. एसडीओ केके राजहंस की पहल पर देवी मंडप के विवाद को सलटा लिया गया है. इसके बाद आदिवासी नेता समीर भगत ने धर्म बदलने के निर्णय को वापस ले लिया है. इस संबंध में घाघरा प्रखंड कार्यालय परिसर में धर्मांतरण व देवी मंडप विवाद को लेकर एसडीओ केके राजहंस की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में दोनों पक्ष के लोग मौजूद थे. इस दौरान देवी मंडप में पूजा-अर्चना को लेकर और धर्मांतरण वाले बयान को लेकर दोनों पक्षों के बीच चर्चा की गयी. चर्चा के दौरान दोनों पक्षों के बीच जो गलतफहमी थी, उसे दूर किया गया.
इस दौरान एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद राउत ने कहा कि दोनों पक्षों में जो गलतफहमी थी, उसे दूर कर दिया गया है. रही बात पूरे विवाद में केस करने का, तो प्रशासन द्वारा केस दर्ज नहीं किया गया है. दोनों पक्षों द्वारा लिखित आवेदन दिया गया था. जिसके आधार पर ही दोनो पक्षों पर केस दर्ज किया गया है. दोनों पक्ष आपस में मिल जुल कर अगर सहमति बनाते हुए समझौता कर लेते हैं, तो आगे की कार्रवाई की जायेगी. उसके बाद देवी मंडप में जाकर अधिकारी व बुद्धिजीवी के बीच मंत्रणा की गयी. इस दौरान मंडप में बलि प्रदान करने के लिए स्थल तय किया गया. वहीं बजरंग बली का झंडा के अलावा पारंपरिक झंडा, लाल सफेद व काला झंडा रहेगा.
इस दौरान समीर भगत से पूछने पर उसने कहा कि अब वह धर्मांतरण नहीं करेगा. प्रशासन चाहे तो वह लिखित भी देने के लिए तैयार है कि वह धर्मांतरण नहीं करेगा. बैठक में निर्णय लिया गया कि अगली बैठक 17 जुलाई को होगी. मौके पर बीडीओ विजय सोनी, सीओ दिनेश गुप्ता, थानेदार मणिलाल राणा, जिप सदस्य तेंबू उरांव, सुनीता उरांव, बॉबी भगत, महेंद्र भगत, समीर उरांव, भिनेश्वर भगत, मुरली मनोहर सिंह, अमित ठाकुर, रवि पाहन, कौशल सिंह, योगेंद्र भगत, अजय जायसवाल, गीता कुमारी व शीला कुजूर सहित कई लोग मौजूद थे.