!!दुर्जय पासवान, गुमला!!
घाघरा के प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के उग्रवादियों ने बैनर टांगकर कमीशनखोरी करने वाले कर्मचारी व अधिकारियों को सुधरने की चेतावनी दी है. नहीं सुधरने पर अंजाम भुगताने की धमकी दी है. उग्रवादियों की इस धमकी से प्रखंड के प्रशासनिक महकमे में दहशत है. बैनर में लिखा है कि कर्मचारी से लेकर उच्च अधिकारी जनता के सेवक हैं. वह जनता के सेवक बन कर रहे. जनता के हक व अधिकार से खिलवाड़ करने वाले कर्मचारी व अधिकारी को सीधे मौत का रास्ता दिखाया जाएगा. बैनर में जोनल कमेटी के देवसहाय भगत का नाम लिखा हुआ है.
ग्रामीणों की सूचना के बाद थाना प्रभारी उपेंद्र महतो ने बैनर को जब्त कर लिया है. इस संबंध में थाना प्रभारी उपेंद्र महतो से पूछने पर उन्होंने बताया कि यह काम शरारती तत्वों का है. क्योंकि बैनर में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी व पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया लिखा हुआ है. इससे प्रतीत होता है कि इसमें उग्रवादी का हाथ नहीं है. क्योंकि इस बैनर में माओवादी का भी मेंसन किया गया है और कोई भी एक संगठन दो संगठन के नाम से बैनर नहीं लगा सकता.
15 दिनों में पीएलएफआई ने दो घटनाओं को इस क्षेत्र में अंजाम दिन है. इसके बाद बैनर साटा गया. यह पुलिस के लिए चुनौती है. पुलिस के लिए यह सर दर्द भी बनते जा रहा है. आम ग्रामीण, ठेकेदार वर्ग, व्यवसायी व प्रखंड कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी इस घटना के बाद दहशत में हैं. पीएलएफआई घटनाओं को अंजाम देते हुए अपना पांव जमाने में लगे हैं.
इधर, पीएलएफआई की उपस्थिति के बाद शाम होते ही प्रखंड मुख्यालय में सन्नाटा पसर जाता है. खासकर बड़े व्यवसायी व ठेकेदारों में दहशत है. सबसे बड़ी बात की जिले के वरीय पुलिस पदाधिकारियों की पूरी नजर घाघरा थाना में रहती है. खासकर एसडीपीओ भूपेंद्र प्रसाद राउत लगातार यहां कैंप करते नजर आते हैं. इसके बावजूद पीएलएफआई का बढ़ता प्रभाव एक बार फिर इस क्षेत्र को अशांत कर सकता है. क्योंकि लंबे समय तक इस क्षेत्र में पीएलएफआई बैकफुट में चला गया था. लेकिन अचानक पीएलएफआई की उपस्थिति बड़ी बात बनते जा रही है.
