गोड्डा. झारखंड के अधिकांश शहरों में ऑटो और इ-रिक्शा के लिए निर्धारित स्टैंड होते हैं, लेकिन गोड्डा एक ऐसा शहर है, जहां लगभग हर सड़क पर मनमाने ढंग से स्टैंड बना दिए गए हैं. ऑटो और इ-रिक्शा चालकों द्वारा जहां-तहां स्टैंड बना लेने से जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. यह स्थिति किसी एक स्थान की नहीं, बल्कि शहर के अधिकांश मुख्य मार्गों की है. ऐसे में लोग आये दिन जाम से परेशान रहते हैं. सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि सड़क पर अनियमित रूप से वाहन खड़े करने की समस्या से वाकिफ होने के बावजूद नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन तक किसी द्वारा भी इस पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. रोचक तथ्य यह है कि अवैध स्टैंड पर खड़े रहने के बावजूद ऑटो और इ-रिक्शा चालकों से रसीद भी काटी जाती है. वसूली के खिलाफ आज तक किसी ने आवाज नहीं उठायी है, जबकि प्रति वाहन 10 से 20 रुपये की वसूली लगातार की जा रही है. वर्षों से गोड्डा में जगह-जगह स्टैंड बना दिए जाने और उन्हें अवैध पार्किंग की तरह उपयोग किए जाने की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है. शहर में जाम अब लाइलाज बीमारी बन गया है. न तो नगर परिषद इसका स्थायी समाधान निकाल पा रहा है और न ही जिला प्रशासन ने अब तक कोई ठोस पहल की है. राहगीरों का कहना है कि जिले के सभी गांवों और कस्बों के लोगों की निर्भरता शहर पर है. दूर-दराज से आने-जाने के लिए लोग ऑटो और इ-रिक्शा का सहारा लेते हैं. इन्हीं सवारियों को उठाने की जल्दबाजी में शहर की सड़कों पर पूरा ट्रैफिक सिस्टम चरमराकर रह जाता है. प्रमुख सड़कों पर बार-बार जाम, राहगीर परेशान शहर में अघोषित पड़ावों के अलावा चलते-चलते ही ऑटो और इ-रिक्शा चालक सड़क के बीच या दुकानों के सामने आड़ा-तिरछा वाहन खड़ा कर सवारी उठाने लगते हैं. इससे न सिर्फ जाम लगता है, बल्कि पैदल चलने वालों तक को परेशानी होती है. कई बार अचानक वाहन रुक जाने से दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं, जिसके कारण गाली-गलौज और मारपीट की नौबत तक आ जाती है. रौतारा चौक, हटिया चौक, कारगिल चौक, चिल्ड्रेन पार्क के सामने, महिला कॉलेज के पास, बस स्टैंड, नगर थाना के सामने, असनबनी चौक, सरकंडा चौक आदि क्षेत्रों में अवैध ऑटो और ई-रिक्शा स्टैंड के कारण ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है. मेन रोड पर असनबनी चौक से रौतारा चौक तक का अवैध ठहराव तो अब शहर की बड़ी समस्या बन चुकी है. इसी तरह भागलपुर रोड पर चिल्ड्रेन पार्क के सामने का अवैध पड़ाव भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. इसके अलावा भी कई स्थान ऐसे हैं जहां यह अव्यवस्था लगातार सिरदर्द बनी हुई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

