मंगलवार को पोड़ैयाहाट के बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू ने लगभग 400 आदिवासियों के जत्थे को बोकारो के ललपनिया स्थित लुगु पहाड़ पर लुगु बाबा के दर्शन के लिए रवाना किया. इस दौरान उन्होंने उपस्थित लोगों को लुगु बाबा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता के बारे में बताया. लोककथाओं के अनुसार, संथाल समुदाय के महाविचार गोष्ठी का आयोजन लुगु बुरु घंटा बाड़ी में हुआ था. यह बैठक लुगु बाबा की अध्यक्षता में 12 वर्षों तक चली. इस दौरान धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर लंबी विचार-विमर्श हुई और जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े नियम और विधि-विधान तय किये गये. इसमें जन्म से मृत्यु तक के कर्मकांड, विवाह से संबंधित नियम और संथाल समुदाय के पर्वों के लिए चांद के अनुसार तिथि निर्धारित की गयी. महासम्मेलन में मांझी परगना व्यवस्था की भी स्थापना हुई. इसमें मांझी बाबा, नायकी बाबा, जोग मांझी, गोडैत, भगदो आदि के कर्तव्य और अधिकार निर्धारित किये गये, जो आज भी संथाल समाज में प्रचलित हैं. इस अवसर पर मोहन सोरेन, जेम्स मुर्मू, रावल मुर्मू, देवेंद्र, संजय सोरेन, अनिल टुडू और सुरेंद्र मुर्मू सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे. आदिवासियों ने धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को निभाने के लिए उत्साहपूर्वक यात्रा की.
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