राज्य सरकार की पहल पर बच्चों को उच्च गुणवत्ता और आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जिला मुख्यालय के दो सरकारी विद्यालयों को सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में शामिल किया गया है. इनमें जिला सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बॉयज और सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस गर्ल्स शामिल हैं. इन स्कूलों का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को प्राइवेट स्कूलों जैसी अंग्रेजी माध्यम शिक्षा देना और अभिभावकों पर आर्थिक दबाव कम करना है. स्कूलों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल सामग्री, कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय और हेल्थकेयर सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है. भवन की संरचना, आंतरिक सज्जा और खेल मैदान जैसी आधारभूत सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं. हालांकि, शिक्षकों की कमी बच्चों की पढ़ाई और विकास में सबसे बड़ी बाधा बन रही है. जिला सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार पासवान ने बताया कि टीजीटी में 15 और पीजीटी में 18 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन पीजीटी में रसायन, टीजीटी में सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, संस्कृत और संगीत के शिक्षक रिक्त हैं. वहीं, सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस गर्ल्स की प्राचार्या नूतन कुमारी ने बताया कि उनके विद्यालय में पीजीटी के भौतिक विज्ञान, रसायन, जीवविज्ञान, इतिहास और भूगोल के शिक्षक नहीं हैं. अभिभावकों का कहना है कि बच्चों का नामांकन बड़ी तैयारी के साथ हुआ है, इसलिए पढ़ाई भी अंग्रेजी माध्यम के प्राइवेट स्कूलों जैसी होनी चाहिए. विभाग को रिक्त पदों को भरने और शिक्षक नियुक्ति में त्वरित कार्रवाई करनी होगी, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके.
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