ललमटिया के डकैता गांव में शुक्रवार को भाजपा नेत्री व जामा की पूर्व विधायक सीता सोरेन ने पुलिस एनकाउंटर में मारे गये सूर्या हांसदा के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. इस दौरान उन्होंने परिवार से घटना से संबंधित जानकारी ली और मामले को बेहद दुखद व चिंताजनक बताया. सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है, जो पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है, इसके बावजूद आदिवासी सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर पुलिस ही हत्यारी बन जाये, तो आम लोग न्याय के लिए कहां जाएंगे. पूर्व विधायक ने कहा कि सूर्या हांसदा आदिवासी समाज की सुरक्षा और अधिकारों के लिए आवाज उठा रहा था. वह 300 से अधिक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दे रहा था. क्षेत्र में बड़ी कंपनियों की मौजूदगी के बावजूद विकास नहीं हो पाया, इस पर वह लगातार सवाल उठाता था. सूर्या ने चार बार बोरियो विधानसभा से चुनाव लड़ा. अगर वह अपराधी होता, तो किसी पार्टी से टिकट ही नहीं मिलता. उन्होंने आरोप लगाया कि सूर्या को गलत तरीके से फर्जी मुठभेड़ में मारा गया. पुलिस ने किसके आदेश पर यह कार्रवाई की, इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए. उन्होंने आशंका जताई कि सीआईडी जांच में लीपापोती हो सकती है. सीता सोरेन ने कहा कि वह सूर्या के परिवार के साथ हमेशा खड़ी रहेंगी और राज्यपाल व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर न्याय की मांग करेंगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस घटना में जो भी दोषी है, वह बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह वर्दीधारी हो या फिर कोई और. इस दौरान सीता सोरेन की पुत्री जयश्री सोरेन, दुर्गा सोरेन, युवा प्रदेश अध्यक्ष सुनील पासी, केनी सोरेन, उज्ज्वल भगत, नवीन सिंह, विजय चौधरी, परनजीत मिश्रा, संजय साह सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.
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