केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन एक्ट के विरोध में अधिवक्ता संघ गोड्डा के सभी अधिवक्ता शुक्रवार को न्यायालय कार्य से अलग रहे. समय पर अदालत बैठी, लेकिन अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति के कारण किसी भी अभिलेख में काम नहीं हुआ. आज निर्धारित सभी अभिलेख में तारीख पड़ गयी. सुबह 11 बजे बार अध्यक्ष सुशील कुमार झा की अध्यक्षता में संघ भवन के सामने एक विरोध सभा का आयोजन किया गया. विरोध सभा में वक्ताओं ने संशोधन बिल को बेफिजूल बताते हुए कहा कि अगर यह बिल पास हो गया तो बार काउंसिल की स्वायत्तता खत्म हो जायेगी. वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया एक स्वतंत्र संस्था है, जो अधिवक्ता के हित में प्रयत्नशील रहती है. केंद्र सरकार बार काउंसिल को पंगु बनाकर इसके अधिकार को कुंठित करने काम करने जा रही है. विदेशी फर्मों एवं विदेशी अधिवक्ताओं को चोर दरवाजे से भारतीय न्याय व्यवस्था की प्रक्रिया में प्रवेश करने की राह बना रही है. विरोध सभा में एकमत से अखिल भारतीय स्तर पर होने वाले संघर्ष के लिए जिला अधिवक्ता संघ की सहभागिता होगी, यह फैसला भी लिया गया.
अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर से कारगिल चौक तक की पदयात्रा
विरोध स्वरूप अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर से शनि मंदिर होकर कारगिल चौक तक पदयात्रा भी की. मौके पर क्रांति धर सहाय, महासचिव योगेश चंद झा, इंद्रजीत तिवारी, विनय कुमार मंडल, रतन कुमार दत्ता, अजित कुमार सिंह, तनुज कुमार दुबे, धर्मेन्द्र नारायण, सीताराम भगत, भवेश कांत झा, राजकुमार घोष, अफसर हसनैन, नीलमणि दुबे, उग्रेश कुमार, संजय कुमार, विनय कुमार ठाकुर, सुबोध पंजियारा, गौरी प्रिया, अनिता सोरेन, प्रकाश चंद्र चौधरी, दिलीप कुमार चौधरी, बासुदेव सिंह, अजय साह, सादिक अहमद, अंम्बोद ठाकुर, दिलीप कुमार तिवारी, सुधेन्दु शेखर झा, राजेश कुमार, कुंदन कुमार ठाकुर, प्रदीप सिंह, वीरेंद्र झा, विभूति झा, सुबोध यादव, बॉबी सहित सैकड़ों उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है