उदासीनता. संसाधनों की कमी के कारण सुदृढ़ नहीं हो पा रहा विद्युतीकरण कार्य
Advertisement
38 वर्ष पुराने तार से होती बिजली आपूर्ति
उदासीनता. संसाधनों की कमी के कारण सुदृढ़ नहीं हो पा रहा विद्युतीकरण कार्य शहरी क्षेत्र में हर वार्ड में जर्जर व पुराने तार व पोल के सहारे बिजली की आपूर्ति की जा रही है. ऐसे में आनेवाले गरमी में शहरवासियों को बिजली फिर रुलायेगी. नये तार व पोल की कमी के कारण शहरी क्षेत्र की […]
शहरी क्षेत्र में हर वार्ड में जर्जर व पुराने तार व पोल के सहारे बिजली की आपूर्ति की जा रही है. ऐसे में आनेवाले गरमी में शहरवासियों को बिजली फिर रुलायेगी. नये तार व पोल की कमी के कारण शहरी क्षेत्र की लाइन दुरुस्त नहीं हो पायी है.
गोड्डा : जिले में संसाधनों की कमी के कारण शहरी विद्युतीकरण को सुदृढ़ करने का काम शुरू नहीं हो पाया है. शहरी क्षेत्र में 38 बरस पुराने जर्जर तार के सहारे बिजली आपूर्ति हो रही है. शहरी क्षेत्र के हर मुहल्ले में तार जर्जर हो चुके हैं. अगर यही स्थिति रही तो बिजली गरमी में फिर शहरवाासियों को रूलायेगी. कई बार टूट कर गिरने से जान-माल की क्षति हो चुकी है. विभाग को सभी मामलों की जानकारी भी है. गौरतलब हो कि शहर में आपूर्ति सुधार के लिए जिला मुख्यालय में आइआरपी व डीआरपी के तहत काम किया जाना था.
इसके तहत पुराने जर्जर तार बदलने, नये पोल लगाये व लोड के हिसाब से ट्रांसफॉर्मर का काम होना था. लेकिन घोषणा के ठीक विपरीत आज तक शहरी विद्युत आपूर्ति को दुरुस्त करने का काम नहीं किया जा सका है.हर मामले में विभाग के पास संसाधन की कमी है. चाहे सामान की आपूर्ति का मामला हो अथवा मानव संसाधन को लगाये जाने का मामला. विभाग के दावे के इतर जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयान कर रही है. गरमी में शहरवासी इस बरस भी परेशान रहनेवाले हैं.
पोल व तार की कमी के कारण रूक गया डबल लाइन काम
वहीं दूसरी ओर गोड्डा-महगामा के बीच डबल सर्किट लाइन का काम अधर में लटक गया है. संसाधन की कमी के कारण काम रूक गया है. गोड्डा से गांधीग्राम तक ही डबल लाइन में नये पोल को खड़ा कर दिया गया है. आगे पोल की कमी के काम रूक गया है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पर्याप्त मात्रा में नये तार व पोल नहीं आ पाया है. एक ही संवेदक को काम आवंटित किये जाने का भी असर पड़ रहा है.
जल्द ही बचे डबल सर्किट लाइन का काम शुरू किया जायेगा. पहले काम किया गया था. पुन: सामान मिलने पर काम शुरू किया जायेगा. ”
-गोपाल प्रसाद वर्णवाल, कार्यपालक अभियंता
आइआरपी-डीआरपी के तहत किया जाना है काम
डबल सर्किट लाइन के लिए संसाधन बन रहा है रोड़ा
एक ही संवेदक को बार-बार काम देने से पड़ रहा है असर
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement