पुलिस की कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल
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टीम लीडरों ने ही डाकारे निवेशकों के पैसे
पुलिस की कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल एजेंटों को मोटी कमीशन देकर फरार हुए संचालक पुलिस नहीं पता लगा रही आरोपितों का ठिकाना गोड्डा : गोड्डा समेत महगामा में चिटफंड कंपनियों के टीम लीडरों ने ही निवेशकों के पैसे डकार गये हैं. सीबीआइ द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद पुलिस की कार्यशैली पर भी […]
एजेंटों को मोटी कमीशन देकर फरार हुए संचालक
पुलिस नहीं पता लगा रही आरोपितों का ठिकाना
गोड्डा : गोड्डा समेत महगामा में चिटफंड कंपनियों के टीम लीडरों ने ही निवेशकों के पैसे डकार गये हैं. सीबीआइ द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गये हैं. एक ओर जहां गोड्डा में दो दर्जन से ऊपर चिटफंड कंपनियों ने निवेशकों की राशि डकार ली. इन कंपनियों के संचालकों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर पायी. अरबों की राशि को इन कंपनियों ने पचाने का काम किया है और इस लूट में अहम भूमिका मुख्य संचालक अथवा टीम लीडरों का है. टीम लीडरों द्वारा ही नये-नये एजेंट को पैदा कर मोटी कमीशन देकर पहले तो बहाल किया.
बाद में निवेशकों से मोटी उगाही की गयी है. इसका लेखा-जोखा तक नहीं है. हर हाल में गोड्डा के हजारों निवेशक इन कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं. चिट फंड कंपनियों का हेड व मैनेजिंग डायरेक्टर कोई था और मालामाल कोई और हो रहा था. ब्रांच के मैनेजर व अन्य कर्मी तो सिर्फ इस मामले में मुखौटा बने हुए थे. दुर्भाग्य से इन पदाधिकारियों का नाम ही पुलिस ने दर्ज एफआइआर में किया है. जबकि लूटने का काम टीम लीडरों ने किया.
महगामा में जांच करते सीबीआई टीम के सदस्य.फोटो। प्रभात खबर
पुलिस आरोपितों का पता ले पाने में रही नाकाम
पुलिस को जहां इस मामले में टीम लीडरों को निशाना बनाना चाहिए था. वहां कंपनी में अस्थायी तौर पर काम कर रहे कर्मियों व पदाधिकारियों को निशाना बनाया, जबकि वे बाहर के रहने वाले थे. कार्यालय सील होने के बाद वे जिले से बाहर चले गये. कई कंपनियों के संचालकों व मैनेजिंग डायरेक्टरों ने तो फरजी पता दे दिया था. पुलिस अनुसंधान में इसका खुलासा हो चुका है. ऐसें में अधिकांश एफआइआर अनुसंधान के लिए लंबित है या फिर इनके फाइलें धुल फांक रही हैं.
एक दर्जन से ऊपर कंपनियों ने निवेशकों को लूटा
गोड्डा में सनप्लांट, सनसाइन, रोजवैली, प्रयाग ग्रुप आॅफ कंपनीज, माइक्रो फाइनांस, ट्यूलिप इंडस्ट्रीज, एक्सेला रियल प्रोजेक्ट, सुराहा अपना परिवार, प्रयाग इंफोटेक, एमफिल आदि कंपनियों द्वारा निवेशकों को चूना लगाया गया है. इन कंपनियों का सलाना करोबार करोड़ोें में था. विभिन्न थानों में एक दर्जन से ऊपर मामला दर्ज है. पर यह सिर्फ फाइलों की शोभा बढ़ा रही है. अब देखना है कि इन संचालकों पर पुलिस या सीबीआइ कितना शिकंजा कस पाती है.
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