– महिला व पुरुष हजारों की संख्या में जुटे
– कझिया नदी के पास बजरंग मंदिर परिसर में किया जोरदार प्रदर्शन
– मुखिया परमानंद साह ने विरोधियों पर निशाना साधा कहा : मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम, पुल सांसद ने दी, तकलीफ दूसरों को
– लोगों ने कहा विरोधियों को नहीं घुसने देंगे गांव
– मीडिया ना करे कनवारा गांव की बेइज्जती
संवाददाता@गोड्डा
रविवार को सदर प्रखंड के कनवारा गांव के हजारों ग्रामीणों ने कझिया नदी के पास बजरंग बली मंदिर प्रांगण में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे और पवन साह के समर्थन में धरना व प्रदर्शन किया. ग्रामीणों के इस प्रदर्शन का नेतृत्व मुखिया परमानंद साह ने किया. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में पंचायत के महिला व पुरुषों ने सांसद के पक्ष में नारेबाजी की. मुखिया परमानंद साह ने कहा कि बड़ी भूल हुई कि 16 सितंबर को कनवारा गांव के लोगों का पर्व की तरह जश्न का दिन था. उनकी समस्या का समाधान सांसद ने पुल देकर किया. इस खुशी में यदि गांव की ओर से किसी ने सांसद का पांव पखार लिया तो इसमें क्या गलती की. क्या गरीबों को खुशी का इजहार करने का हक भी नहीं है.
वर्षों बाद सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने पुल की मंजूरी दिलवायी. श्रद्धा से किसी का पांव पखारना यदि गुनाह है तो मीडिया उन्हें माफ कर दें. जिस तरह की बदनामी देश विदेश में कनवारा गांव की हो रही है, अगर मिडिया ने दिखाना व विरोधियों ने बोलना बंद नहीं किया तो गांव के सभी लोग कझिया नदी में जल समाधि ले लेंगे.
इज्जत से खिलवाड़ का अधिकार किसी को नहीं
मुखिया ने कहा कि लोकतंत्र में किसी की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि गांव उनका, पुल उन्हें मिला, मगर तकलीफ विपक्षियों को हो रही है. अगर यही स्थति रही तो आने वाले समय में किसी भी विपक्षियों को गांव में घुसने पर पावंदी लगा दी जायेगी.
तीन घंटे तक हुई नारेबाजी
गांव में धरना के दौरान महिलाओं ने सांसद के पक्ष में नारेबाजी की. इस अवसर पर कमला देवी ने कहा, किसी को भी उनके व्यक्तिगत स्वतंत्रता से खिलवाड़ का अधिकार नहीं है. लोग नहीं माने तो सांसद के लिए जल समाधि ले लेंगे. धरना-प्रदर्शन में गांव की महिला कमली देवी, काली देवी, कल्पना देवी, रूपिया देवी, शांति देवी, कल्पना देवी, विला देवी, सरिता देवी, मानसी कुमारी, सावित्री देवी, प्रेरणा देवी, कमली देवी, वीणा देवी के अलावा गांव के वरिष्ठ नागरिकों में अनिरूद्ध मांझी, अशोक कुमार, बलराम मांझी, लक्ष्मण साह, प्रमोद साह, सुमित साह, बलराम साह, देवु साह, रविंद्र कुमार के साथ हजारों की संख्या में लोग शामिल थे.