हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत कार्तिक के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. शुक्रवार को सुहागिनों ने पति की दीर्घायु और सुखी दांपत्य के लिए निर्जला व्रत रखा. शाम को सोलह शृंगार कर शिव-पार्वती की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान किया. इसके बाद पानी पीकर व्रत को खोला. इस वर्ष का करवा चौथ विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है, क्योंकि सिद्धि, शिवावास योग, नवपंचम, शुक्रादित्य जैसे मंगलकारी संयोग थे. ये योग व्रत के फल को कई गुना बढ़ानेवाले माने जाते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

