16 करोड़ की लागत से हुआ था बगोदरडीह ग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम पिछले एक वर्ष से बगोदरडीह ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत मंझलाडीह समेत कई हिस्से में जलापूर्ति बंद है. इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी के साथ ही लोगों को प्रतिदिन पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मालूम रहे कि बगोदरडीह ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत मंझलाडीह, नायागढ़, नावाडीह व कोलहरिया के करीब दो हजार उपभोक्ताओं को पानी देने के लिए 16 करोड़ रुपये की लागत से काम हुआ था. पाइपलाइन भी बिछायी गयी. बगोदर-मंझलाडीह-अडवारा रोड पर पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास जलमीनार और पुराने प्रखंड कार्यालय के पास एक बड़ी टंकी बनायी गयी थी. शुरुआती दौर में कई हिस्सों में पानी मिलना शुरू हुआ. इधर, एक वर्ष से मंझलाडीह, नायागढ़, नावाडीह व कोलहरिया में जलापूर्ति बंद है.
कोई नहीं दे रहा ध्यान
सबसे अधिक समस्या मंझलाडीह व नयागढ़ इलाके में रहनेवाले लोगों की है. इस ओर ना तो विभाग ध्यान दे रहा है और ना ही जन प्रतिनिधि. इसलिए समस्या का समाधान भी नहीं हो रहा है. यहां के लोग खासकर गर्मी के दिनों में काफी परेशानी झेलते हैं. गरीबों को पानी के लिए तालाब, कुआं व चापाकल पर ही निर्भर रहना पड़ता है. कुछ संपन्न लोगों पानी खरीदकर पीते हैं. ग्रामीणों कहना है कि संवेदक को कार्य में लापरवाही बरतने के कारण ब्लैक लिस्टेड किया गया है, लेकिन, इससे ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हुआ. विभाग गंभीर होकर दूसरे संवेदक के माध्यम से इसे चालू कराये.उद्देश्य पूरा नहीं हुआ : सुजीत
शर्मा
भाकपा माले नेता सुजीत शर्मा ने कहा कि इस योजना की शुरुआत तत्कालीन विधायक विनोद कुमार सिंह के समय हुई. इसका उद्देश्य मंझलाडीह व आसपास के लोगों को नल से घरों तक पानी पहुंचाना था. कुछ दिनों बाद से यह बंद जलापूर्ति बंद है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है.अधिकारी नहीं कर रहे पहल : मुखिया
मुखिया प्रमिला देवी का कहना है कि पिछले एक वर्ष से सरिया रोड, नावाडीह व मंझलाडीह में पानी नहीं मिल रहा है.पंचायत समिति की बैठक में मामला भी उठाया गया था. इसमें विभाग के अधिकारियों ने इसे जल्द चालू करने की बात कहीं थी, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई.
नये संवेदक को दी जायेगी जिम्मेदारी : जेई
पेयजल व स्वच्छता विभाग के जेई लालू महतो ने कहा कि बगोदरडीह ग्रामीण जलापूर्ति योजना को जल्द ही प्रक्रिया में लाया जायेगा. जहां मेंटनेंस का कार्य अधूरा है, उसे शुरू किया जायेगा. नये संवेदक को इसे हैंडओवर कर जलापूर्ति शुरू की जायेगी. हालांकि, फंड का अभाव होने की समस्या है. इसके लिए पहल की जायेगी.
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