पीरटांड़. गर्मी बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जलसंकट गहराने लगा है. कुम्हरलालो पंचायत के गांवों की स्थिति गंभीर है. लाखों की लागत से लगाये गये दर्जनों जलमीनार खराब हो गये हैं. पंचायत के विभिन्न हरिजन आदिवासी टोले में कुल 17 जलमीनार लगाये गये, लेकिन वर्तमान में सिर्फ दो जलमीनार से लोगों की प्यास बुझ रही है. 14वें वित्त आयोग व बालू घाट से प्राप्त राजस्व का उपयोग करते हुए कुम्हरलालो पंचायत के विभिन्न गांवों में कुल छह जलमीनार में चार दो बंद हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार विभाग से शिकायत किया, लेकिन कोई पहल नहीं हुई. बोरिंग धंसने के कारण कठवारा चौक में लगा जलमीनार धूल फांक रहा है. कठवारा चौक में लगभग 2.50 लाख की लागत से बना जलमीनार लगाया गया था. कुछ महीनों तक लोगों ने जलमीनार से जलापूर्ति हुई. इसके बाद बोरिंग धंसने से जलापूर्ति ठप हो गयी. धीरे-धीरे जलमीनार में लगे सामान भी इधर-उधर हो गया. अब कठवारा चौक में चापाकल की जरूरत बढ़ गयी है. स्थालोगों ने जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन से नयी बोरिंग कराने व जलमीनार को पुनः शुरू कराने की मांग की है.
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कुम्हरलालो पंचायत में जलसंकट गहराया
गर्मी बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में जलसंकट गहराने लगा है. कुम्हरलालो पंचायत के गांवों की स्थिति गंभीर है.
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