धनवार थाना के ग्राम-बरजो में सरकारी खुदरा शराब दुकान खोले जाने की कवायद के खिलाफ ग्रामीण गोलबंद हो गये हैं. गांववालों ने उपायुक्त और एसडीएम को आवेदन देकर इसका विरोध किया है. प्रशासनिक पदाधिकारी उन्हें समझाने पहुंचे तो ग्रामीण सडक पर उतर आये. उनका कहना है कि यहां शराब दुकान खुली तो बच्चे और नौजवान नशे की गिरफ्त में आ जायेंगे. कहा कि एक तरफ सरकार नशा मुक्ति को लेकर अभियान चलाती है, तो दूसरी ओर बरजो के दलित टोला में अंग्रेजी शराब की दुकान खोली जा रही है. बताया कि बरजो में नशा मुक्ति को लेकर कई बार अभियान चलाया गया है. यहां शराब की दुकान नहीं चाहिए, और ना ही खुलने देंगे. उनका मानना है कि जहां शराब की दुकान नहीं होती, वहां के लोग शराब से दूर रहते हैं, लेकिन दुकान खुली तो पूरा गांव इसकी चपेट में आ जायेगा.
विरोध में लोगों ने लगाये नारे
खोरीमहुआ के एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद, धनवार थाना प्रभारी सतेंद्र पाल आबकारी विभाग की टीम ने बरजो दलित टोला पहुंचकर लोगो को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण इतने उग्र थे कि शराब दुकान खोलने के प्रयास के विरोध में नारे लगाने लगे. पुलिस-प्रशासन द्वारा बार-बार समझाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन ग्रामीण कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए. ग्रामीणों ने कहा कि गांव में रोजगार दो, शराब नहीं. फिलहाल इस मामले में ग्रामीणों के तीव्र विरोध के कारण शराब दुकान नहीं खुल पायी है. इधर मुखिया संघ के अध्यक्ष शंकर पासवान ने इस मामले में उपायुक्त से बरजो पंचायत के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की मांग पर विचार करने का अनुरोध करते हुए शराब दुकान का स्थल बदलने की मांग की है.
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