महिला व बाल विकास विभाग के तहत धनवार बाल विकास परियोजना के तत्वाधान में गुरुवार से आंगनबाड़ी कर्मियों के क्षमता वृद्धि के उद्देश्य से तीन दिवसीय ‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ प्रशिक्षण कार्यक्रम धनवार के प्रखंड सभागार में शुरू हुआ. प्रखंड की सभी 232 आंगनबाड़ी सेविकाओं को 21 से 23 अगस्त, 28 से 30 अगस्त तथा 8 से 10 दिसंबर तीन बार में प्रशिक्षण दिया जाना है. इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी कर्मियों को बच्चों के शारीरिक, मानसिक, संज्ञानात्मक, संवेगात्मक व सामाजिक विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया. बताया गया कि इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के संज्ञानात्मक, भाषा, संवेगात्मक, रचनात्मक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है. बीसी पोषण अभियान मनोज कुमार पांडेय, मास्टर ट्रेनर महिला पर्यवेक्षिका शिल्पी कुमारी व अनिता यादव ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण और शिक्षा के बीच संतुलन के महत्व पर प्रशिक्षण दिया. बताया गया कि बच्चों के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है. इस अवधि में यदि बच्चों को उचित पोषण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले तो उनके भावी विकास की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से बच्चों के हड्डियों के विकास में बाधा आती है. उनके हड्डियों के उचित विकास के लिए दूध, दुग्ध उत्पादों और नियमित धूप सेवन की सलाह दी गई. प्रशिक्षण में लिपिक उमेश प्रसाद कुशवाहा के अलावा कई सेविकाएं उपस्थित थीं.
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