जाम के कारण पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है. सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों, एंबुलेंस और महिलाओं को होती है. हटिया में खरीदारी करने आये ग्रामीणों की भीड़, सड़क किनारे ठेला-खोमचा और चार पहिया, तीन पहिया व दो पहिया वाहनों की अनियंत्रित पार्किंग जाम का मुख्य कारण है. दोपहर से शाम तक तो स्थिति इतनी विकट हो जाती है कि धनवार रोड से लेकर घोड़थंभा मोड़ तक गाड़ियों की लाइन लग जाती है. कई बार एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिलने से मरीजों के परिजनों में आक्रोश भी जताते हैं.
बढ़ती जा रही है समस्या
स्थानीय रतन बर्णवाल, अरविंद कुमार, प्रदीप योगी, इलियास अंसारी, साबिर वारसी, अहमद रजा समेत अन्य दुकानदारों ने बताया कि हर सप्ताह यह समस्या बढ़ती जा रही है. बाजार में भीड़ बढ़ने के बावजूद प्रशासन ट्रैफिक नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. सड़क पर ना तो कोई ट्रैफिक पुलिस दिखती है और ना ही पार्किंग का कोई स्थल तय किया गया है. चालक मनमाने ढंग से सड़क किनारे वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे एक लेन पूरी तरह जाम हो जाती है. कहा कि प्रशासन की लापरवाही से घोड़थंभा बाजार की सूरत बिगड़ गयी है. हटिया के दिन सड़क पर चलना दूभर हो जाता है. बच्चों को स्कूल पहुंचने और स्कूल से घर लौटने में देर होती है. मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाते और आम लोग जाम में फंसे रह जाते हैं.
युवा करते है जाम हटाने की पहल
विकास कुमार, आशीष पांडेय, राहुल पांडेय, खुर्शीद अहमद आदि स्थानीय युवाओं ने बताया कि कई बार वह खुद आगे बढ़कर जाम खोलने में मदद करते हैं, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था के अभाव में फिर जाम लग जाती है. वहीं कुछ दुकानदारों ने कहा कि हटिया के दिन प्रशासन जाम से निपटने के लिए ठोस व्यवस्था करे. बाजारवासियों ने डीसी और अनुमंडल प्रशासन से हटिया के दिन विशेष ट्रैफिक प्लान बनाने की मांग की. लोगों ने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द पहल नहीं करता है, तो वह विरोध-प्रदर्शन करने पर बाध्य होंगे.
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