लचर व्यवस्था. प्रतिदिन ओपीडी में आनेवाले सैकड़ों मरीजों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल में इन दिनों मरीजों और उनके परिजनों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है. ओपीडी में इलाज के लिए आनेवाले सैकड़ों मरीजों को भीषण गर्मी में पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है, जो अस्पताल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही उजागर करता है. यहां इलाज करवाने के लिए सुबह से ही ओपीडी में लंबी कतारें लगती हैं, लेकिन पानी के नल की व्यवस्था नहीं है. मजबूरी में लोगों को बाहर की दुकानों से पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है. ओपीडी में इलाज कराने आने वाले मरीजों और परिजनों का कहना है कि मरीजों में कई ऐसे भी होते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते है. ऐसे में बार-बार दुकानों से पानी की बोतलें खरीदना उनके बस में की बात नहीं होता है. उनका कहना है कि इस संबंध में कई बार अस्पताल प्रशासन से शिकायत की गयी, लेकिन समस्या समाधान की पहल नहीं हुई. अस्पताल में ना सिर्फ शहरी, बल्कि ग्रामीण इलाकों से भी काफी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. डॉक्टर खुद मरीजों को भरपूर पानी पीने की सलाह देते हैं, मगर दुर्भाग्यवश अस्पताल के ओपीडी में पानी की व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में लगे दो वाटर कूलर में से भी एक खराबबता दें कि अस्पताल में लगे दो वाटर कूलर में से एक खराब पड़ा है, जबकि दूसरे की जानकारी अधिकतर मरीजों को नहीं है. इससे वह बाहर से पानी खरीदने को मजबूर हैं. अस्पताल प्रशासन ने तीन साल पहले मरीजों की सुविधा के लिए दो वाटर कूलर लगाये थे. इनमें एक वेटिंग एरिया (ओपीडी) में और दूसरा अस्पताल के वार्ड की ओर बने जांच केंद्र के पास लगाया गया था. लेकिन, एक साल में दोनों वाटर कूलर खराब हो गये. इसके बाद वे लंबे समय तक यूं ही बेकार पड़े रहे. हाल ही में जांच केंद्र के पास लगे वाटर कूलर की मरम्मत कर चालू किया गया, लेकिन ओपीडी के वेटिंग एरिया में लगा वाटर कूलर अब भी खराब है. ओपीडी में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, लेकिन अधिकतर को यह नहीं पता होता है कि दूसरा वाटर कूलर कहां हैं. क्योंकि अस्पताल में इस संबंध में कोई बोर्ड भी नहीं लगाया है. ऐसे में जरूरत महसूस होने पर बोतल बंद पानी खीरदना मजबूरी हो जाता है.प्रतिदिन पहुंचते हैं 200-250 मरीज : सदर अस्पताल में प्रतिदिन 200-250 मरीज शहर एवं आसपास के ग्रामीण इलाकों से इलाज कराने के लिए आते हैं. गर्मी में मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है. इसके बाद भी प्रबंधन ने पीने के पानी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है.
जल्द दुरुस्त होगा बंद पड़ा वाटर कूलर : सिविल सर्जनसिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने कहा है कि अस्पताल परिसर में लगे वाटर कूलर की मरम्मत कुछ दिनों पहले ही करवायी गयी थी. बताया कि ओपीडी के पास लगा वाटर कूलर फिलहाल खराब है, इसकी सूचना उन्हें मिली है. जल्द ही उसे भी दुरुस्त करवा दिया जायेगा. अस्पताल में मरीजों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कोताही नहीं बरती जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

