11 करोड़ 29 लाख की लागत से बना है जलमीनार, दो वर्षों से जलापूर्ति है ठप पानी की किल्लत को देखते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने दो माह पूर्व धरना दिया था. ग्रामीणों ने पानी की सप्लाई शुरू कराने की मांग की गयी थी. ग्रामीणों का धरना 15 दिनों तक जारी रहने के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने सक्रियता नहीं दिखायी, तो जुठहाआम मोड़ के पास सड़क जाम करने का अल्टीमेटम बगोदर-सरिया के एसडीओ को दिया. सड़क जाम होने का अल्टीमेटम मिलने के बाद पेयजल व स्वच्छता विभाग के एसडीओ, बिरनी के बीडीओ व विभाग के जेई ने नौ मार्च की शाम को धरनास्थल पर पहुंचकर लिखित आश्वासन दिया कि आठ मई तक हर हाल में जलापूर्ति सुचारू रूप से शुरू की जायेगी. इसके बाद आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था. समय सीमा बीतने पर ग्रामीणों में आक्रोश लिखित आश्वासन में दी गयी समय सीमा के पांच दिन बीतने के बाद भी पानी नहीं मिलने ग्रामीणों में आक्रोश है. विभागीय अधिकारी जलापूर्ति शुरू कराने के प्रति कोई सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं. इधर, भीषण गर्मी से तालाब, डोभा, नदी, नाला का पानी लगभग सूख गया है. गांव मे लगे चापाकल जबाव दे चुके हैं. कुआं का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस कारण स्थानीय ग्रामीणों में अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश है. विभाग के खिलाफ होगा पुन: आंदोलन जलापूर्ति की मांग को लेकर धरना पर बैठे आंदोलनकारी बबलू यादव, अशोक कुशवाहा व रामकृष्ण वर्मा ने कहा कि अधिकारियों के लिखित आश्वासन का पालन नहीं किया गया. यह निंदनीय है. भीषण गर्मी के कारण पानी को लेकर लोगों को परेशानी हो रही है. धिकारी ग्रामीणों की मांग पर टालमटोल कर रहे हैं. लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. समस्या को देखते हुए रणनीति बनायी जा रही है. जल्द ही जुठहाआम मोड़ के पास सड़क जाम किया जाएगा और आमरण अनशन पर लोग बैठेंगे. हमलोगों की मांग रहेगी कि पानी दो या जेल दो. क्या कहते हैं बीडीओ : बीडीओ फणीश्वर रजवार ने कहा कि अपने स्तर से उपायुक्त व विभाग को इससे अवगत करवा चुके हैं. विभागीय जेई ने कहा : पेयजल व स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता अजय रजवार ने कहा कि विभाग के पास राशि उपलब्ध नहीं रहने के कारण काम नहीं हो रहा है. इसके बावजूद दूसरे विभाग की राशि को मर्ज कर काम करने पर विचार किया गया है. राशि रहने के बाद ही काम आगे बढ़ेगा.
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