सदर एसडीएम श्रीकांत यशवंत विस्पुते ने मंगलवार कोआंदोलन पर रोक लगाते हुए मंत्री आवास के इर्द-गिर्द 72 घंटे के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी थी. निषेधाज्ञा की अनदेखी कर बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़नेवाले शिक्षक हिरासत में ले लिये गये.
मंत्री आवास के आसपास चौकसी बढ़ा दी गयी
मंत्री के आवास उत्सव उपवन के 500 मीटर की परिधि में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत चार से छह नवंबर तक 72 घंटे के लिए सभा, जुलूस, धरना और ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होंने कहा था कि अध्यापक संघ ने प्रशासन को घेराव कार्यक्रम संबंधी अनुमति के लिए कोई भी आवेदन नहीं दिया था. ऐसे में बिना अनुमति जुलूस या भीड़ जुटाना कानून विरुद्ध माना जायेगा. इसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर मंत्री आवास क्षेत्र में पुलिस और अर्धसैनिक बल की तैनाती कर दी थी. इसके बावजूद बुधवार को निर्धारित तिथि पर राज्य भर से सहायक अध्यापक गिरिडीह पहुंचे.
दोयम दर्जे का व्यवहार का आरोप
सहायक अध्यापकों का कहना था कि वर्षों से विद्यालयों में सेवा देने के बावजूद उनका न स्थायीकरण हुआ और न ही समान काम के बदले समान वेतन लागू हुआ. शिक्षकों के अनुसार वे स्कूलों में पढ़ाई, परीक्षा संचालन और परिणाम सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, फिर भी उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है.
हिरासत में लिये शिक्षकों को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थानों पर
इधर, प्रशासन की निषेधाज्ञा के कारण शिक्षकों के मंत्री आवास की ओर बढ़ने के साथ पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी. इसके बाद कई सहायक अध्यापकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्हें बसों और पुलिस वाहनों के माध्यम से गिरिडीह स्टेडियम समेत अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया. हिरासत में लिये गये शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार केवल आश्वासन देती है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं होती. उन्होंने कहा कि मांगों पर जल्द निर्णय नहीं हुआ, तो आंदोलन जारी रहेगा.
हिरासत में लिये गये 400 सहायक शिक्षक, हुए रिहा
घेराव कार्यक्रम को देखते हुए बुधवार को गिरिडीह जिला पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड में थी. सुबह से ही जिले के मुख्य मार्गों, चौक-चौराहों, प्रवेश द्वारों, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड समेत विभिन्न स्थानों पर कड़ी चौकसी बरती जा रही थी. सुबह से ही मुख्य मार्गों पर पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दी थी, ताकि बाहर से आने वाले शिक्षकों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके. गिरिडीह नगर थाना, मुफस्सिल, पचंबा, बेंगाबाद, गांडेय और बगोदर समेत आसपास के थाना क्षेत्रों में भी पुलिस बल और दंडाधिकारियों की तैनाती की गयी थी. पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि कोई भी संदिग्ध वाहन या समूह दिखने पर तुरंत रोककर जांच की जाए. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी कड़ी जांच की व्यवस्था थी. हर आने-जाने वाले वाहन को रोका जा रहा था और उसमें बैठे यात्रियों से पूछताछ की जा रही थी कि वे कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं.
हिरासत में लिये गये शिक्षकों के मोबाइल भी ले लिये गये
बताया गया कि हिरासत में लिये गये शिक्षकों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए, ताकि आंदोलन की जानकारी अन्य समूहों तक न पहुंच सके. मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के आवास उत्सव उपवन के बाहर भी भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. आसपास के इलाकों में पुलिस के साथ-साथ दंडाधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी, ताकि किसी भी परिस्थिति में कानून-व्यवस्था बिगड़ने न पाए. जांच के दौरान करीब 400 सहायक शिक्षकों को हिरासत में लिया गया. इनमें कई शिक्षक जिले के बाहर से गिरिडीह पहुंचे थे, जबकि कुछ स्थानीय स्तर पर विभिन्न मार्गों से मंत्री आवास की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. सभी को हिरासत में लेकर गिरिडीह स्टेडियम व अन्य सुरक्षित स्थानों पर रखा गया.
दुखिया महादेव मंदिर परिसर में जुटे शिक्षक, बोले नहीं हटेंगे पीछे
शिक्षक अलग-अलग मार्गों से मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के आवास उत्सव उपवन की ओर बढ़ रहे थे. इसी क्रम में दुखिया महादेव मंदिर मार्ग से आ रहे दर्जनों शिक्षक जैसे ही मंदिर परिसर के पास पहुंचे, उन्हें जानकारी मिली कि आगे मंत्री आवास की ओर जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी है और वहां पहुंचने वाले शिक्षकों को एक-एक कर हिरासत में लिया जा रहा है. यह खबर सुनते ही मंदिर मार्ग से आ रहे शिक्षक आगे बढ़ने की बजाय वहीं मंदिर परिसर में रुक गए. धीरे-धीरे अन्य मार्गों से आने वाले शिक्षक भी जानकारी मिलने पर उसी स्थान की ओर पहुंचने लगे और देखते ही देखते दुखिया महादेव मंदिर परिसर में शिक्षकों की भारी भीड़ जुट गयी. सूचना मिलते ही टाउन डीएसपी नीरज कुमार सिंह, मुफस्सिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो और अन्य अधिकारी बड़ी संख्या में जवानों के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस ने शिक्षकों से कई बार अपील की कि वे आंदोलन समाप्त कर वहां से हट जाएं, पर शिक्षकों ने साफ-साफ कहा कि वे आगे नहीं बढ़ेंगे और पीछे भी नहीं हटेंगे. इसके बाद शिक्षकों ने वहीं नारेबाज़ी शुरू कर दी : वादा किया था, पूरा करो, समान काम का समान वेतन हमारा हक है. नारेबाज़ी के दौरान कई शिक्षक भावुक भी दिखे. उनका कहना था कि बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते हमारी उम्र निकल गयी, हमारी नौकरी आज भी अस्थायी है. वर्षों से हम परिणाम दे रहे हैं, स्कूल चला रहे हैं, फिर भी हमें स्थायी मानने में सरकार को दिक्कत है. शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार चुनाव के समय बड़े वादे करती है, पर सत्ता में आकर वादे भूल जाती है. उन्होंने कहा कि उनके संघर्ष को दबाने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर, रास्तों पर पुलिस बल तैनात कर, गिरिडीह पहुंच रहे शिक्षकों को हिरासत में लिया गया, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है. कहा कि अगर हमारी आवाज़ दबायी गयी, तो हम और मजबूती से लौटेंगे, मांगें पूरी होंगी, तभी आंदोलन रुकेगा. करीब शाम चार बजे संगठन की बैठक के बाद दिन की कार्रवाई समाप्त की गयी, पर संघर्ष जारी रहेगा. इसके बाद शिक्षक शांतिपूर्वक समूहों में लौट गये.सहायक शिक्षक को पुलिस ने घर से उठाया, शाम को छोड़ा
मंत्री आवास का घेराव करने की तैयारी कर रहे सहायक अध्यापक संघ के नेताओं और शिक्षकों को पुलिस ने घेराबंदी से पहले ही उनके घरों से हिरासत में ले लिया. यह कार्रवाई रात करीब बारह बजे की गयी. घोड़थंभा ओपी से रिहाई के बाद संघ के धनवार प्रखंड अध्यक्ष सुखदेव राय, सचिव नित्यानंद पांडेय सहित कई नेताओं ने कहा कि सरकार शिक्षकों की जायज मांगों को मानने के बजाय उनकी आवाज दबाने में लगी है.इधर, मंगलवार की देर रात बेंगाबाद पुलिस ताराटांड़ पंचायत के फुफंदी गांव पहुंच गयी. मध्य विद्यालय फुफंदी में पदस्थापित सहायक शिक्षक सहदेव पंडित के घर जाकर पुलिस अधिकारी ने उसे बाहर बुलाया और भरोसे में लेकर रात में ही थाना पहुंच गये. पुलिस टीम कई अन्य सहायक शिक्षकों के घर पहुंचे, पर उसके घरों में नहीं मिलने के कारण पुलिस बैरंग लौट गयी. इधर, विधि-व्यवस्था के मद्देनजर बेंगाबाद पुलिस सोनबाद के चेकनाका में तैनात रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

