सदर अस्पताल में विश्व यक्ष्मा दिवस कार्यक्रम का आयोजन
सदर अस्पताल में सोमवार को विश्व यक्ष्मा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उद्घाटन डीडीसी स्मृता कुमारी, सीएस डॉ एसपी मिश्रा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती आदि ने किया. डीडीसी ने टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से एजेंसियों, स्वास्थ्य विभाग की टीम, अधिकारियों व कर्मियों की सराहना की. लेकिन, अभी हमें और भी कार्य करना है. वर्ष 2026 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप सभी अपना महत्वपूर्ण योगदान इसमें जरूर दें. कहा कि सरकारी अस्पताल में टीबी रोग का सबसे बेहतर इलाज संभव है. क्योंकि किसी मरीज के टीबी से ग्रस्त होने के उपरांत ना केवल मरीज को नि:शुल्क दवाइयां/जांच उपलब्ध कराई जातीं हैं, बल्कि महीने का 500 भी उपलब्ध कराया जाता है. वहीं अगर सही समय पर रोग की पहचान कर ली जाये और ससमय दवाइयां ली जायें तो छह महीने के अंदर यह रोग ठीक भी हो जाता है. उन्होंने सभी से टीबी रोग को पहचानने एवं इसके उपचार के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने की अपील की.सीएस ने पांच टीबी मरीजों को गोद लेने की घोषणा की
सिविल सर्जन डॉ मिश्नेरा ने पांच टीबी मरीजों को गोद लेते हुए उन्हें इलाज के दौरान फूड बास्केट उपलब्ध कराने की घोषणा की. वहीं, आइएमए के सचिव डॉ बीपीएम राय, डिस्ट्रिक्ट टीबी ऑफिसर डॉ रेखा कुमारी ने भी टीबी मरीजों को गोद लेने की घोषणा की. कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई एवं जिला यक्ष्मा केंद्र के कर्मियों ने अहम भूमिका निभायी. इस दौरान सदर अस्पताल परिसर में कैंसर वार्ड का भी उद्घाटन किया गया. सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल में कैंसर के मरीजों को कई सुविधाएं दी जायेंगी.
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