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Giridh News :एक ही काउंटर रहने के कारण नामांकन में विद्यार्थियों को परेशानी

Giridh News :गिरिडीह कॉलेज में स्नातक सेमेस्टर थ्री व फाइव के विद्यार्थियों को नामांकन चल रहा है. कॉलेज में अव्यवस्था का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.

गर्मी और अव्यवस्था से छात्र गिरिडीह कॉलेज के छात्र बेहाल

सेमेस्टर थ्री व फाइव का हो रहा है नामांकन

गिरिडीह कॉलेज में स्नातक सेमेस्टर थ्री व फाइव के विद्यार्थियों को नामांकन चल रहा है. कॉलेज में अव्यवस्था का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. नामांकन प्रक्रिया में कॉलेज प्रशासन ने पर्याप्त व्यवस्था नहीं की है. इसके कारण विद्यार्थी ना सिर्फ मानसिक रूप से परेशान हैं, बल्कि शारीरिक रूप से परेशान हैं. छात्रों के अनुसार नामांकन के लिए कॉलेज में प्रतिदिन सिर्फ एक ही काउंटर खोला जा रहा है, जहां सुबह से ही लंबी कतार लगनी शुरू हो जाती है. विद्यार्थी सुबह 6-7 बजे से लाइन में लग जाते हैं, लेकिन उन्हें दोपहर तक भी चालान या फार्म नहीं मिल पाता. सेमेस्टर थ्री और फाइव में कुल चार-पांच विद्यार्थी नामांकन होना है. ऐसे में एक काउंटर अपर्याप्त है. कॉलेज प्रशासन ना तो अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था कर रहा है और ना ही विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम उठाया रहा है. पिछले दिन कॉलेज परिसर में गर्मी के कारण दो विद्यार्थी बेहोश होकर गिर गये थे, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया. छात्रों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी अब तक ना तो काउंटर की संख्या बढ़ायी गयी और ना ही पेयजल या बैठने की व्यवस्था की गयी है.

फार्म की सीमित संख्या से नाराजगी

कॉलेज प्रशासन द्वारा प्रतिदिन मात्र 200 से 250 फॉर्म ही वितरित कर रहा हैं. जबकि, स्नातक सेमेस्टर थ्री और पांच में नामांकित विद्यार्थियों की कुल संख्या लगभग चार से पांच हजार है. इस अनुपात में देखा जाये, तो सभी विद्यार्थियों का समय पर नामांकन हो पाना लगभग असंभव है. सबसे अधिक परेशानी उन छात्रों को हो रही है जो जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों से कॉलेज पहुंचते हैं.

पानी की सुविधा नहीं, धूप में कतार खड़े रहते हैं छात्र

कॉलेज परिसर में शुद्ध पीने के पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. ना तो वाटर कूलर चालू स्थिति में है और ना ही कहीं सामान्य नल से साफ पानी मिल पा रहा है. इस भीषण गर्मी में विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, धूप से बचने के लिए नामांकन काउंटर में भी शेड की व्यवस्था नहीं की गयी है. छात्र धूप में कतारबद्ध खड़े रहते हैं.

क्या कहते हैं विद्यार्थी

गिरिडीह कॉलेज में नामांकन के लिए सिर्फ एक ही काउंटर है, जहां लड़के और लड़कियां सभी को एक ही लाइन में खड़ा होना पड़ता है. भीड़ इतनी होती है कि धूप में खड़े-खड़े हालत खराब हो जाती है. पूरे कॉलेज में कहीं भी पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. इससे काफी परेशानी हो रही है. विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए कॉलेज व्यवस्था दुरुस्त करे.

आरती कुमारी, छात्रा

कॉलेज में कोई तय नियम नहीं है. काउंटर समय पर नहीं खुलता है, जिससे छात्रों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. छात्र व छात्राओं को एक ही काउंटर पर एक साथ लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. इससे असुविधा और असुरक्षिता महसूस होती है. यहां महिला गार्ड की नियुक्ति जरूरी है. नामांकन का काम एक दिन में पूरा नहीं हो पाता है.

सावन कुमारी, छात्रा

कॉलेज में नामांकन के लिए मात्र एक ही काउंटर है और वह भी समय पर नहीं खुलता. पहले दिन तो मुझे फॉर्म ही नहीं मिल पाया. दो दिन बाद जाकर कहीं एडमिशन हो सका. काउंटर अक्सर 11 बजे के बाद खुलता है और तब भी सीमित संख्या में ही फॉर्म दिए जाते हैं. इसमें सुधार की जरूरत है. पानी व शेड की व्यवस्था होने पर राहत मिलेगी

सिंटू राय, छात्र

सेमेस्टर थ्री और फाइव के छात्र-छात्राओं को नामांकन में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कॉलेज में नामांकन के लिए सिर्फ एक ही काउंटर है जिससे लंबी कतारें लग रही है और सभी विद्यार्थियों को समय पर फार्म नहीं मिल पा रहा है. काउंटरों की संख्या बढ़ाने, नामांकन प्रक्रिया को सरल और व्यवस्थित करने की जरूरत है.

उज्ज्वल तिवारी, अभाविप

क्या कहते हैं प्राचार्य

गिरिडीह कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुज कुमार ने कहा कि कॉलेज का निर्धारित समय सुबह 10:30 बजे से शाम पांच बजे तक है. लेकिन, अधिकतर विद्यार्थी लगभग 12 बजे एक साथ पहुंचते हैं. इससे काउंटर पर भीड़ लग जाती है और काम में व्यवधान उत्पन्न होता है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि छात्राओं की सुविधा के लिए कॉलेज में महिला गार्ड की व्यवस्था नहीं है. इसके कारण उन्हें काफी कठिनाई हो रही है. बताया कि पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए कई बार कॉलेज परिसर में नल लगाये गये, लेकिन सुबह के समय ग्राउंड में खेलने आने वाले बाहरी बच्चों नलों को तोड़ देते हैं. कॉलेज प्रशासन इन समस्याओं के समाधान को लेकर गंभीर है और जल्द ही ठोस कदम उठाया जायेगा.

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