समारोह में विद्यालय के प्रधानाध्यापक शीतांशु कुमार के नेतृत्व में समस्त शिक्षकगण, प्रबंधक समूह और छात्र-छात्राओं ने मिलकर शपथ ली कि वे इस वर्ष दिवाली को प्रदूषणमुक्त, स्वदेशी और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से मनायेंगे. कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी ने संकल्प लिया कि वे दीपावली त्योहार में विदेशी झालरों और लाइट्स के बजाय मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता देंगे जिससे कि भारतीय कारीगरों और स्थानीय उत्पादकों की दिवाली भी “मीठी” बन सके. साथ ही सभी ने हानिकारक पटाखों के उपयोग को सीमित रखने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य करने का भी प्रण लिया.
सच्ची दिवाली वही है जो दूसरों के जीवन में भी उजाला फैलाये
मुख्य अतिथि धानेश्वर साव ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि “सच्ची दिवाली वही है जो दूसरों के जीवन में भी उजाला फैलाए. उन्होंने बच्चों को अपने घरों में मिट्टी के दीये जलाने को प्रेरित किया. कहा कि मिट्टी के दीपक जलाकर हम अपने देश की मिट्टी, संस्कृति और कलाकारों का सम्मान करते हैं.” वहीं प्राचार्य शीतांशु कुमार ने कहा कि “हमारा उद्देश्य बच्चों में जिम्मेदार नागरिकता की भावना विकसित करना है जिसका उद्देश्य है कि वे त्योहारों को केवल आनंद के रूप में नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व के रूप में भी देखें”. कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों में अंजलि वर्मा, आशा वर्मा, शरणदीप मंडल, हरिलाल पंडित आदि शामिल थे.
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