जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत कुमार ने बताया इसमें भुक्तभोगी की भूमिका संदिग्ध लग रही है. पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर कांड का उद्भेदन करने में काफी हद तक सफलता मिली है. कुछ बिंदुओं पर अभी भी जांच चल रही है. पुलिस को गुमराह कर किसी घटना को सत्य करार नहीं किया जा सकता है. पूरे मामले पर पुलिस की पैनी नजर है. खबर लिखे जाने तक पीड़ित युवक व अन्य लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही थी.
क्या है मामला
हीरोडीह थाना क्षेत्र के मंडरो गांव निवासी सोनू मंडल ने सोमवार को जमुआ पुलिस को एक आवेदन देकर कहा था कि हम रविवार को फोरव्हीलर वाहन बुकिंग कर अपने घर लौट रहे थे. पचंबा से ही कुछ लोग मुझे ओवरटेक करने लगे. इस क्रम में हम चितरडीह पहाड़ी के पास पहुंचे थे कि एक बाइक से तीन लोग आये और मेरी बाइक के सामने उसे खड़ी कर दी. फिर पिस्टल सटाकर मोबाईल से ऑनलाइन के माध्यम से रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बनाया. अपराधी की हरकत देख मैंने अपने एक मित्र से 38 हजार रुपये मोबाइल पर मंगाकर उसे ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया. आवेदन मिलते ही पुलिस मामले के उद्भेदन में लग गयी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

