ऐसे में राहगीरों के लिए राहत का एकमात्र सहारा प्याऊ होता है, लेकिन बाजार के प्रमुख चौक-चौराहों पर एक भी प्याऊ नजर नहीं आ रहा है. धनवार, खोरीमहुआ चौक, डोरंडा, बलहरा, तारानाखो, घोड़थंभा, मंडरो, गावां जैसे व्यस्त क्षेत्र राहगीरों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. प्रशासन ने भी पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की है. राहगीर रामदेव सिंह, सुनीता विश्वकर्मा, राजू पांडेय, कृष्ण वर्मा, रंजीत दास, विनोद कुमार आदि ने बताया कि जो प्रतिदिन ऑफिस जाने के लिए बस स्टैंड तक पैदल जाते हैं, उनके लिए इतनी तेज धूप में कुछ कदम भी चलना मुश्किल हो गया है. अगर प्याऊ होता, तो थोड़ी राहत मिलती. लोगों ने सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन से प्याऊ की व्यवस्था का आग्रह किया है, ताकि लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सके.
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