मालूम रहे किआउटसोर्स कर्मियों ने जेएलकेएम के नेता नागेंद्र चंद्रवंशी के नेतृत्व में पहले भी आंदोलन किया था. उस दौरान कंपनी का पुतला दहन कर विरोध जताया गया था. आंदोलन के बाद सिविल सर्जन ने वार्ता के लिए कर्मियों को बुलाया था, लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह केवल चार प्रतिनिधियों से ही बातचीत करेंगे. सिविल सर्जन की इस शर्त को कर्मियों ने खारिज कर दिया, इसके कारण वार्ता नहीं हो सकी.
प्रदर्शनकारी सिविल सर्जन और अस्पताल प्रबंधन के रवैये से नाराज दिखे
वार्ता विफल होते ही मौके पर मौजूद सभी कर्मियों ने अस्पताल परिसर में नारेबाजी कर हंगामा शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारी सिविल सर्जन और अस्पताल प्रबंधन के रवैये से नाराज दिखे. नागेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि सिविल सर्जन सभी कर्मियों से एक साथ बातचीत करने को तैयार नहीं थे, इसलिए बातचीत नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि जब तक कर्मियों की सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इधर, मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ शिवप्रसाद मिश्रा ने बताया कि कर्मियों की सभी मांगें पूरी हो गयी हैं. आउटसोर्स कर्मियों का फरवरी माह तक के वेतन का भुगतान कर दिया गया है. वे लोग बेवजह आंदोलन कर रहे हैं. इसी बात को समझने के लिए दो-तीन प्रतिनिधियों को बुलाया गया था, लेकिन वह सभी लोग आ गये. ऐसे में कैसे उन्हें समझा पाता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है