जमीयत उलमा गिरिडीह के तत्वावधान में रविवार को नगर भवन में‘याद-ए-मुजाहिदीन-ए-आजादी कॉन्फ्रेंस’ का भव्य आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देशभर के कई वक्ताओं ने हिस्सा लिया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महत्व पर अपने विचार रखे. कांफ्रेंस में शेख-उल-इस्लाम के पोते हजरत मौलाना सैयद हसन असजद मदनी और जमीयत उलमा उत्तर प्रदेश के सचिव मुख्य रूप से उपस्थित रहे. इनके अलावा जमीयत उलमा झारखंड के महासचिव मुफ्ती मो शहाबुद्दीन कासिम, उपाध्यक्ष मौलाना सगीर अहमद समेत कई बुद्धिजीवी ने भी भाग लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना अकरम कासमी ने की. वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आजादी सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, जिसे हमें संजोकर रखना चाहिए. यह कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद करने और उनके आदर्शों को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया.
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