गिरिडीह कॉलेज में गुरुवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के सदस्यों ने तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया. एनएसयूआई ने कॉलेज प्रशासन पर छात्रों से अनावश्यक रूप से अधिक शुल्क वसूलने और मनमानी करने का आरोप लगाया. नेतृत्व एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव अभय कुमार व छात्र नेता विनीत भास्कर ने किया. अभय कुमार ने बताया कि सेमेस्टर-3 के फॉर्म पर पहले से ही 100 रुपये अंकित था, लेकिन उसमें काटकर 300 रुपये लिखा गया और छात्रों से वही राशि वसूली जा रही है. कहा कि पिछले वर्ष भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी, जब 100 का फॉर्म 300 में दिया गया था. तब एनएसयूआई के विरोध के बाद फीस को 100 कर दिया गया था और यह आश्वासन दिया गया था कि भविष्य में यदि शुल्क में कोई वृद्धि की जाती है तो फॉर्म में आवश्यक संशोधन किया जायेगा. इस वर्ष पुनः वही स्थिति सामने आने पर एनएसयूआई ने कॉलेज प्रशासन से वार्ता की. अभय कुमार ने स्पष्ट किया कि यदि कॉलेज प्रशासन के पास फॉर्म प्रिंट कराने के लिए संसाधनों की कमी है तो हर साल एनएसयूआई स्वयं इसकी व्यवस्था करेगी.
जानकारी के अभाव में किया गया विरोध प्रदर्शन : प्राचार्य
इधर इस संबंध में गिरिडीह कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुज कुमार ने कहा कि जानकारी के अभाव में विरोध किया गया. बताया कि जो भी शुल्क छात्रों से लिया जा रहा है, वह विश्वविद्यालय के द्वारा जारी किया गया है. कहा कि गिरिडीह कॉलेज के जो पुराने प्राचार्य थे, उनके द्वारा पहले ही सेमेस्टर तीन का एडमिशन फॉर्म काफी मात्रा में प्रिंट करवा दिया गया था. इसकी वजह से उस फॉर्म को ही छात्रों को दिया जा रहा है. कहा कि जो भी शुल्क छात्र जमा करते हैं, वह बैंक में जमा होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

