मार्तंड प्रताप मिश्रा ने कहा कि झारखंड राज्य के सभी न्यायालयों में लंबित व प्री लिटिगेशन मामलों का निष्पादन इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया जा रहा है. इस प्रकार के आयोजनों से पक्षकारों को अपने मामलों में त्वरित निष्पादन का लाभ तो मिलता ही है, साथ ही न्यायालय का बोझ भी कम होता है. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय आपराधिक मामलों, सिविल मामलों, बैंक मामलों, वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों बिजली, वन विभाग, उत्पाद, माप तौल, खाद्य सुरक्षा इत्यादि विभागों से संबंधित मामलों का निष्पादन लोक अदालतों के माध्यम से होने से आम जनों को काफी राहत मिलती है.
13 पीठों का किया गया था गठन
संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव (प्रभार) शरद निशिकांत कुजूर ने की. राष्ट्रीय लोक अदालत में 13 पीठों का गठन किया गया था. इस दौरान 72380 प्री लिटिगेशन मामले एवं 5878 लंबित मामलों का निष्पादन किया गया. इसमें नौ करोड़ एक लाख 32 हजार 760 रुपए की राशि संबंधित पक्षकारों को तथा राजस्व के रूप में विभिन्न विभागों को प्राप्त हुआ है. साथ ही अदालत के दौरान डीसी व कार्यपालिका के सभी विभागों के अधिकारियों के सहयोग तथा प्राधिकार गिरिडीह के सामंजस्य से परिसंपत्तियों का वितरण लाभुकों के बीच किया गया. अदालत को सफल बनाने में गिरिडीह न्यायमंडल के सभी न्यायिक अधिकारीयों, अधिवक्ताओं, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, न्यायालय के कर्मचारियों, पारा लीगल वालंटियर्स सक्रिय रहे.
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